Uniform Civil Code In India 2023: Article 44, Uniform Civil Code PDF

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Uniform Civil Code 2023: हेलो दोस्तों आज हम आपको इस लेख के माध्यम से समान नागरिक संहिता से सम्बंधित सभी प्रकार की जानकारी प्रदान कर रहे है। समान नागरिक संहिता भारत में प्रत्येक व्यक्ति के लिए समान नागरिक कानून की बात करता है। भारतीय संविधान में अनुच्छेद 44 के अंतर्गत समान नागरिक संहिता लागू करने का प्रावधान है। समान नागरिक संहिता से सम्बंधित सभी प्रकार की जानकारी के लिए हमारे साथ अंत तक जुड़े रहे।

Uniform Civil Code
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What is Uniform Civil Code in India

हमारा देश भारत एक लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष देश है। भारत में विभिन्न धर्मो के लोग मिल जुल कर रहते है। भारत में सभी नागरिकों के लिए समान दण्ड संहिता लागू है। लेकिन नागरिक कानून के लिए देश में विभिन्न धर्मों के अनुसार अलग-अलग नियम व कानून है। जैसे हिंदुओं के लिए हिंदू कोड बिल और मुसलमानों के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ Uniform Civil Code In India 2023: Article 44, Uniform Civil Code PDF

Uniform Civil Code In India

लेख भारत में समान नागरिक संहिता
उद्देश्य पूरे देश के लिए एक कानून व्यवस्था
UCC राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत के अनुच्छेद 44 के अंतर्गत आता है
विधि आयोग की रिपोर्ट पीडीएफ
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Article 44: समान नागरिक संहिता

भारतीय संविधान के अंतर्गत Article 44 में समान नागरिक संहिता पूरे देश के लिये एक समान कानून के साथ ही सभी धार्मिक समुदायों के लिये विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने आदि कानूनों में भी एकरूपता प्रदान करने का प्रावधान है।Article 44 के अंतर्गत ही वर्तमान सरकार देश में एक समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने की दिशा में प्रयास कर रही है। भारत एक लोकतांत्रिक व धर्मनिरपेक्ष देश है। जहाँ धार्मिक और सामाजिक विविधता बहुत ही अधिक है। देश में विभिन्न व्यक्तिगत कानूनों द्वारा बनाई गई खाई को पाटने के लिए समान नागरिक संहिता एक महत्वपूर्ण कानून है। समान नागरिक संहिता एक समान कानून न केवल कानूनी एकरूपता को बढ़ावा देने के लिए अत्यधिक आवशयक है।

Advantages of Uniform Civil Code in India

भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। यहाँ सभी धर्मों के लोगों को अपने धर्म के अनुसार जीवन यापन करने का अधिकार प्राप्त है। विभिन्न धर्मों के होने के बाद भी भारत में नागरिकों को समान दर्जा प्राप्त है। परन्तु देश में कानून व्यवस्था बनाने के लिए पुरे भारत में एक समान कानून दण्ड सहिंता को लागू किया है।

Uniform Civil Code In India

परन्तु धार्मिक विविधता होने के कारण देश में सामाजिक व नागरिक कानून अलग -अलग है। देश में हिंदुंओ के लिए हिन्दू कोड बिल है, जिसके अंतर्गत हिन्दू, सिख, जैन, बौद्ध आते है। तथा मुसलमानों के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ है। जिसके अनुसार वह शादी- विवाह, सम्पति वितरण आदि का फैसला करते है।

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वर्तमान कानून देश में पुरुषों व महिलों को उनके धर्म के अनुसार ही अधिकार प्रदान करता है। धर्म के अनुसार अलग- अलग कानून होने के कारण उत्तराधिकार के मामलों के परिणामस्वरूप महिलाओं के प्रति भेदभाव होता है। समान नागरिक संहिता के लागू होने पर देश में लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलेगा, तथा पुरुषों और महिलाओं दोनों को समान अधिकार प्रदान करेगा। जो वर्तमान कानून के हिसाब से धर्म के अनुसार अलग- अलग है।

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Uniform Civil Code – Public Notice 

विधि एवं मंत्रालय द्वारा भेजे गए संदर्भ दिनांक 17 जून 2016 के संबंध में
न्यायमूर्ति, भारत का 22वां विधि आयोग इस विषय की जांच कर रहा है
समान नागरिक संहिता.
प्रारंभ में भारत के 21वें विधि आयोग ने इस विषय की जांच की थी
समान नागरिक संहिता और इसके माध्यम से सभी हितधारकों के विचार मांगे गए
प्रश्नावली दिनांक 07.10.2016 के साथ अपील करें और आगे सार्वजनिक करें
अपील/नोटिस दिनांक 19.03.2018, 27.03.2018 और 10.4.2018। के अनुसरण में
वही, आयोग को जबरदस्त प्रतिक्रियाएँ प्राप्त हुई हैं। 21वाँ
विधि आयोग ने “परिवार के सुधार” विषय पर परामर्श पत्र जारी किया है
कानून” 31.08.2018 को। चूँकि तीन वर्ष से अधिक का समय व्यतीत हो चुका है
प्रासंगिकता को ध्यान में रखते हुए उक्त परामर्श पत्र जारी करने की तारीख
और विषय का महत्व और विषय पर विभिन्न न्यायालय के आदेश भी,
भारत के 22वें विधि आयोग ने नये सिरे से विचार-विमर्श करना उचित समझा
विषय पर.
तदनुसार, भारत के 22वें विधि आयोग ने फिर से विचार मांगने का निर्णय लिया
और इसके बारे में बड़े पैमाने पर जनता और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों के विचार
समान नागरिक संहिता. जो इच्छुक एवं इच्छुक हों वे अपना परिचय दे सकते हैं
नोटिस की तारीख से 30 दिनों की अवधि के भीतर “यहां क्लिक करें” के माध्यम से देखा गया
बटन या विधि आयोग को [email protected] पर ईमेल द्वारा
भारत। संबंधित हितधारक भी अपनी बात रखने के लिए स्वतंत्र हैं
किसी भी मुद्दे पर परामर्श/चर्चा/कार्य पत्र के रूप में
समान नागरिक संहिता के संबंध में ”सदस्य सचिव, कानून” को
भारतीय आयोग, चौथी मंजिल, लोक नायक भवन, खान मार्केट, नई दिल्ली
– 110 003।” यदि आवश्यकता हो तो आयोग किसी भी व्यक्ति या व्यक्ति को बुला सकता है
व्यक्तिगत सुनवाई या चर्चा के लिए संगठन।

Uniform Civil Code Notice PDF

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