Lala Ramswaroop Calendar 2023 PDF | हिंदी पंचांग कैलेंडर | lala ramswaroop calendar download | ramswaroop ramnarayan panchang hindu panchaang | Hindu panchang calendar download |Myesha Home Lala Ramswaroop Ramnarayan Hindu Panchaang
लाला रामस्वरूप कैलेंडर देश में लोकप्रिय पंचांग या हिन्दू कैलेंडरों में से एक प्रमुख पंचांग कैलेंडर है। लाला रामस्वरूप रामनारायण पंचांग देश के बहुसंख्यक समाज हिन्दुओं का एक प्रमुख पंचांग कैलेंडर है। हिन्दू धर्म में पंचांग व कैलेंडर का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है, समस्त हिन्दू समाज अपने शुभ कार्यो जैसे -शुभ मुहूर्त, त्योहारों के विवरण के अलावा, हिंदू उपवास, कुंडली, विशेष मुहूर्त, नक्षत्र और कई अन्य जानकारी हेतु तिथियों का निर्धारण पंचांग देख कर ही करता है। इस लेख के माध्यम से हम आपको लाला रामस्वरूप कैलेंडर से सम्बंधित सभी प्रकार की जानकारी प्रदान कर रहे है। लाला रामस्वरूप कैलेंडर पंचांग से सम्बंधित सभी प्रकार की जानकारी हेतु हमारे साथ अंत तक बने रहे।
Lala Ramswaroop Calendar 2023
लाला राम स्वरुप पंचांग कैलेंडर 2023 एक लोकप्रिय हिन्दू पंचांग कैलेंडर है। लाला राम स्वरुप पंचांग के पीडीएफ को आप आसानी से मुफ्त में डाउनलोड कर सकतें है। लाला राम स्वरुप पंचांग कैलेंडर 2023 में हिन्दू नब वर्ष से सम्बंधित सभी छुट्टियों, उपवासों, विशेष मुहर्तों और हिंदू त्योहारों आदि की सूची होती है। आप आसानी से एक क्लिक के माध्यम से लाला रामस्वरूप कैलेंडर पंचांग को अपनी सुविधा के लिए डाउनलोड कर सकतें है।
आर्टिकल |
lala ramswaroop calendar 2023 pdf |
भाषा |
हिंदी (देवनागरी) |
जारी किया गया |
लाला रामस्वरूप रामनारायण एंड संस |
उद्देश्य |
हिंदी पंचांग कैलेंडर 2023 pdf , महत्वपूर्ण तिथियों, त्योहारों और मुहूर्तों पर उचित जानकारी हेतु |
Official Website |
https://lalaramswaroop.com/ |
Download PDF Link |
lala ramswaroop calendar 2023 PDF File Download |
PDF Size |
2 MB |
लाला रामनारायण पंचांग कैलेंडर का उद्देश्य
- लाला रामस्वरूप पंचांग की विनम्र शुरुआत 1934 में स्वतंत्रता संग्राम के समय हुई थी। उस समय पारंपरिक पंचांग पुस्तकें और पत्र पुस्तकें आम आदमी के लिए सांसारिक और सामाजिक मामलों में अति अनुभवी हुआ करती थी। इसी को ध्यान में रख कर लाला रामस्वरूप पंचांग का आविष्कार किया गया। इसे एक सरल पंचांग के रूप में पेश किया गया जिसे आम आदमी उपयोग कर के आसानी से समझ में सकें। उस समय लाला रामस्वरूप पंचांग अपनी तरह का पहला पंचांग हुआ करता था।
- लाला रामस्वरूप पंचांग के उद्देश्य की पूर्ति के अलावा, इसका उपयोग स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी नारों और बहुत उपयोगी लेखों के साथ एक ज्ञान संसाधन को बढ़ावा देने के लिए भी किया गया था। आज भी, यह पंचांग/पत्र अपने उसी के मूल रूप के अनुरूप है, जिसके लिए इसे डिजाइन किया गया था। लाला रामस्वरूप पंचांग विश्व का पहला हिंदी कैलेंडर पंचाग है। इस 1934 में जबलपुर शहर से प्रकाशित किया गया है।
- लाला रामस्वरूप पंचांग भारतीय सामाजिक, धार्मिक, वाणिज्यिक या सरकारी कार्यो के उद्देश्यों के लिए दिनों निर्धारण के लिए एक महत्वपूर्ण व लोकप्रिय हिंदी कैलेंडर है। लाला रामनारायण कैलेंडर हमारी भारतीय परंपरा/ धर्म के अनुसार बना उत्तम पंचांग पत्र है। जिसके अनुसार त्योहारों और धार्मिक अनुष्ठानों का पालन किया जाता है। इस कैलेंडर उद्देश्य लोगों को भारतीय सामाजिक, धार्मिक तिथियों के निर्धारण के मदद करना है।
तिथि, लग्न मुहूर्त, ग्रह-नक्षत्रों की गणना
लाला रामनारायण खुद ज्योतिषी हुआ करते थे साथ ही साथ वह जबलपुर के मशहूर ज्योतिषाचार्य नाथूराम व्यास से मदद लिया करते थे। कैलेंडर में तिथि, लग्न मुहूर्त, ग्रह-नक्षत्रों की गणना बहुत कठिन काम है। नए साल पर ज्योतिष के गणितज्ञों की सलाह पर जनवरी से लेकर साल के अंत तक कैलेंडर बनाने की प्रक्रिया चलती रहती है। लाला रामनारायण पंचांग कैलेंडर में सामान्य ज्ञान, सम सामयिक जानकारी, बीमारियों, महामारी से लड़ने का उपाय, मच्छर जनित बीमारियों से निजात पाने के समाधान और कोरोनावायरस से लड़ने के उपाय भी छापे जाते हैं. आज लाला रामनारायण पंचांग जबलपुर कैलेंडर की मांग जम्मू कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक है।
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लाला रामस्वरूप हिंदू पंचांग कैलेंडर 2023 का महीनेवार विवरण
Hindu Panchang Calendar में भी ग्रेगोरियन कैलेंडर की तरह 12 महीने होते हैं। सभी हिंदू महीनों (माह) के नाम निचे दिए गए है।
- चैत्र माह (March – April)
- वैशाख माह (April – May)
- ज्येष्ठ माह (May – June)
- आषाढ़ माह (June – July)
- श्रावण माह (July – August)
- भाद्रपद माह (August – September)
- अश्विना माह (September – October)
- कृतिका माह (October – November)
- मार्गशीर्ष या अग्रायण (November – December)
- पौष माह (December – January)
- माघ माह (January – February)
- फाल्गुन माह (February – March)
Lala Ramswaroop Calendar January 2023

Lala Ramswaroop Calendar 2023 January माह के मुख्य व्रत व त्यौहार
Date |
व्रत व त्यौहार |
02 जनवरी |
पुत्रदा एकादशी व्रत |
04 जनवरी |
प्रदोष व्रत |
06 जनवरी |
स्ना. दा. व्रत, पौष पूर्णिमा |
10 जनवरी |
स.गणेश, तिल चौथ व्रत |
14 जनवरी |
मकर संक्रांति |
15 जनवरी |
मकर संक्रांति पुण्यकाल |
18 जनवरी |
षटतिला एकादशी व्रत |
19 जनवरी |
तिल द्वादशी, प्रदोष व्रत |
20 जनवरी |
शिव चतुर्दशी व्रत |
21 जनवरी |
स्ना. दा. श्राद्धा, मोनी अमावस |
23 जनवरी |
चन्द्रदर्शन |
25 जनवरी |
विनायकी चतुर्थी |
26 जनवरी |
बसंत पंचमी |
27 जनवरी |
शीतला षष्ठी |
28 जनवरी |
अचला, रथ सप्तमी (माँ नर्मदा प्राकट्योत्सव ) |
29 जनवरी |
भीष्माष्टमी 30 महानंदा नवमी |
30 जनवरी |
महानंदा नवमी |
मुख्य जयंती, दिवस
-
Date |
त्यौहार |
6 जनवरी |
छेरछेरा का त्यौहार |
10 जनवरी |
विश्व हिंदी दिवस |
12 जनवरी |
महर्षि महेश योगी जयंती |
14 जनवरी |
स्वामी रामानंदाचार्य जयंती |
21 जनवरी |
वीर हेमकालाणी शहीद दिवस |
28 जनवरी |
लाला लाजपत जयंती |
30 जनवरी |
शहीद स्मृति दिवस |
31 जनवरी |
अवतार मेहेर बाबा की अमरतिथि |
Lala ramswaroop calendar February 2023
Lala Ramswaroop Calendar 2023 February माह के मुख्य व्रत व त्यौहार
Date |
व्रत व त्यौहार |
1 फरवरी |
जया/अजा, भीष्म एकादशी |
2 फरवरी |
तिल /भीष्म द्वादशी, प्रदोष व्रत |
5 फरवरी |
स्नानदान व्रत, माघी पूर्णिमा |
9 फरवरी |
गणेश चतुर्थी व्रत |
13 फरवरी |
सीताअष्टमी |
16 फरवरी |
एकादशी व्रत |
18 फरवरी |
प्रदोष व्रत, महाशिव रात्रि व्रत |
20 फरवरी |
स्न्ना. दा . श्रा . सोमवती अमावश |
21 फरवरी |
चन्द्र दर्शन |
22 फरवरी |
फ़ुलरिया दोज |
मुख्य जयंती, दिवस
Date |
मुख्य जयंती, दिवस |
3-फरवरी |
गुरु हरिराय, प्रभु नित्यानंद जयंती |
4 -फरवरी |
विश्व कैंसर दिवस |
11 – फरवरी |
पं. दीनदयाल उपाध्याय पुण्यतिथि |
15 -फरवरी |
सुभद्रा कुमार चौहान पुण्यतिथि |
22 -फरवरी |
स्वामी रामकृष्ण परमहंस जयंती |
25 -फरवरी |
अवतार मेहेर बाबा जन्म महोत्सव |
27 -फरवरी |
चंद्रशेखर आजाद शहीद दिवस |
Lala Ramswaroop Calendar March 2023
Lala Ramswaroop Calendar 2023 March माह के मुख्य व्रत व त्यौहार
Date |
व्रत व त्यौहार |
3 मार्च |
आलमकी, रंगभरी ग्यारस |
4 मार्च |
गोविन्द द्वादशी, प्रदोष व्रत |
7 मार्च |
स्ना. दा. व्र. पुर्णिमा, होलिका दहन |
8 मार्च |
होली उत्सव, बसंतोत्सव |
9 मार्च |
भाई दूज, चित्रगुप्ता पूजा |
10 मार्च |
गणेश चतुर्थी व्रत |
12 मार्च |
रंगपंचमी |
13 मार्च |
एकनाथ छठ |
14 मार्च |
भानु सप्तमी |
15 मार्च |
शीतला अष्ठमी, बसेरा |
18 मार्च |
पापमोचन एकादशी व्रत |
19 मार्च |
प्रदोष व्रत, वारुणी पर्व |
20 मार्च |
शिव चतुर्दर्शी व्रत |
21 मार्च |
स्न्नान श्राद्ध अमावस्या |
22 मार्च |
गुड़ी पड़वा, नवरात्रि आरम्भ |
23 मार्च |
चेटीचंढ़, सिंधारा दोज, चन्द्रदर्शन |
24 मार्च |
गणगौर तीज, सौभाग्य सुंदरी व्रत |
25 मार्च |
विनायकी चतुर्थी व्रत |
29 मार्च |
दुर्गाअष्ठमी , महाष्ठमी व्रत |
30 मार्च |
श्रीराम नवमी व्रत |
Lala Ramswaroop Calendar April 2023

Date |
व्रत व त्यौहार |
1 अप्रैल |
कामदा एकादशी व्रत |
2 अप्रैल |
मदन द्वादशी |
3 अप्रैल |
प्रदोष व्रत |
5 अप्रैल |
रेणुका चतुर्दर्शी, व्रत पूर्णिमा |
6 अप्रैल |
स्न्नानं पूर्णिमा, भ. हनुमान प्राकट्योत्सव |
8 अप्रेल |
आसों दोज |
9 अप्रैल |
गणेश चतुर्थी व्रत |
16 अप्रैल |
वरुथिनी एकादशी व्रत |
17 अप्रैल |
प्रदोष व्रत |
18 अप्रैल |
शिव चतुर्थी व्रत |
19 अप्रैल |
श्राद्ध अमावस्या |
20 अप्रैल |
स्नानदा, सतुवाई अमावस |
21 अप्रैल |
चंद्र दर्शन |
22 अप्रैल |
अक्षय तृतीया |
23 अप्रैल |
विनायकी चतुर्थी व्रत |
27 अप्रैल |
गंगा सप्तमी |
Lala Ramswaroop Calendar May 2023

Date |
व्रत व त्यौहार |
1 मई |
मोहिनी एकादशी व्रत |
3 मई |
प्रदोष व्रत |
4 मई |
नरसिंह चतुर्दर्शी |
5 मई |
स्नान दान व्रत, वैशाखी चतुर्थी व्रत |
8 मई |
गणेश व्रत |
15 मई |
अचला /अपरा एकादशी व्रत |
17 मई |
प्रदोष व्रत, शिव चतुर्दशी व्रत |
21 मई |
चंद्रदर्शन |
22 मई |
रम्भा तीज व्रत |
23 मई |
अ. विनायकी चतुर्थी व्रत |
29 मई |
महेश नवमी |
30 मई |
गंगा दशहरा |
Lala Ramswaroop Calendar June 2023

Date |
व्रत व त्यौहार |
1 जून |
प्रदोष व्रत |
2 जून |
द. वट सावित्री, पूर्णिमा व्रत |
4 जून |
स्नान दान पूर्णिमा |
7 जून |
गणेश चतुर्थी व्रत |
11 जून |
शीतला अष्ठमी, बसोरा |
14 जून |
योगिनी एकादशी व्रत |
15 जून |
प्रदोष व्रत |
16 जून |
शिव चतुर्दशी व्रत |
17 जून |
श्राद्ध अमावस्या |
18 जून |
हलहारिणी, स्ना. अमावस |
19 जून |
चंद्र दर्शन, गुप्त नवरात्रारम्भ |
20 जून |
भ. जगदीश रथ यात्रा |
22 जून |
विनायकी चतुर्थी व्रत |
25 जून |
वैवत्सव पूजा |
27 जून |
भड़ली नवमी, नवरात्रा समा. |
28 जून |
आशा दशमी |
29 जून |
देवशयनी /हरिशयनी ग्यारस |
30 जून |
वासुदेव, वामन द्वादशी |
Lala Ramswaroop Calendar July 2023
Date |
व्रत व त्यौहार |
1 जुलाई |
प्रदोष, मंगला तेरस, विजया पार्वती व्रत |
3 जुलाई |
स्नानदान व्रत, गुरु पूर्णिमा |
6 जुलाई |
गणेश चतुर्थी व्रत |
7 जुलाई |
मौना पंचमी, नाग मरुस्थले |
9 जुलाई |
शीतला सप्तमी |
13 जुलाई |
कामिका एकादशी |
15 जुलाई |
प्रदोष व्रत शिव चतुर्दशी व्रत |
17 जुलाई |
हरेली, सोमवती, हरियाली, स्नान श्राद्ध अमावश्या |
18 जुलाई |
पुरषोत्तम मास प्रारम्भ |
19 जुलाई |
चंद्रदर्शन |
21 जुलाई |
विनायकी चतुर्थी व्रत |
29 जुलाई |
कमला एकादशी |
30 जुलाई |
प्रदोष व्रत |
मुख्य जयंती दिवस
1 जुलाई |
डॉक्टर्स एवं सी. ए.दिवस |
6 जुलाई |
प. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जयंती |
7 जुलाई |
प्राणनाथ परमधाम वास् दिवस |
11 जुलाई |
विश्व जनसँख्या दिवस |
23 जुलाई |
चंद्रशेखर आजाद जयंती |
31 जुलाई |
मुंशी प्रेमचन्द जयंती, सरदार उधमसिंह शहीदी दिवस, मोहमंद रफ़ी पुण्य तिथि |
Lala Ramswaroop Calendar August 2023
Dtae |
व्रत व त्यौहार |
1 अगस्त |
स्नानदान व्रत पूर्णिमा |
4 अगस्त |
4गणेश चतुर्थी व्रत |
12 अगस्त |
कमला एकादशी व्रत |
13 अगस्त |
प्रदोष व्रत |
14 अगस्त |
शिव चतुर्दशी व्रत |
16 अगस्त |
स्नानदान श्राद्ध अमावश्या |
18 अगस्त |
चंद्र दर्शन, सिंधारा दोज |
19 अगस्त |
हरियाली तीज, मधुश्रवा व्रत, स्वर्ण गोरी व्रत, झूला प्रारम्भ |
20 अगस्त |
दूर्वा/ विनायकी चतुर्थी व्रत |
21 अगस्त |
नागपंचमी |
27 अगस्त |
पुत्रदा (पवित्रा)एकादशी |
28 अगस्त |
प्रदोष व्रत |
30 अगस्त |
रक्षाबंधन, नारियल पूनम, श्रावणी व्रत पूर्णिमा |
31 अगस्त |
स्नानदान पूर्णिमा, कजलियां |
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Lala Ramswaroop Calendar September 2023
Dtae |
व्रत व त्यौहार |
2 सितम्बर |
कजरी(सतवा) तीज |
3 सितम्बर |
बहुला, गणेश चतुर्थी व्रत |
4 सितम्बर |
गोगा पंचमी, भाई- भित्रा |
5 सितम्बर |
हरछट(हलष्ठमी) व्रत |
7 सितम्बर |
श्रीकृष्ण जन्माष्ठमी व्रत |
10 सितम्बर |
जया (अजा) एकादशी |
11 सितम्बर |
गोवत्स द्वादशी |
12 सितम्बर |
प्रदोष व्रत |
13 सितम्बर |
शिव चतुर्दशी व्रत |
14 सितम्बर |
कुशग्रहणी स्ना. दा. श्रा. अमा. |
15 सितम्बर |
स्ना. दा. अमावस, तान्हा पोला |
18 सितम्बर |
हरितालिका तीज व्रत, विनायकी चतुर्थी व्रत |
19 सितम्बर |
ऋषि पंचमी |
21 सितम्बर |
मोरयाई छठ, संतान सांते |
22 सितम्बर |
दूर्वा अष्ठमी, राधा अष्ठमी |
25 सितम्बर |
जलझूलनी/ डोल एकादशी |
27 सितम्बर |
प्रदोष व्रत |
28 सितम्बर |
अनंत चौदस, भ. गणेश विसर्जन |
29 सितम्बर |
स्नानदान व्रत पूर्णिमा |
30 सितम्बर |
पितृपक्ष प्रारम्भ |
Lala Ramswaroop Calendar October 2023
Date |
व्रत व त्यौहार |
2 अक्टूबर |
गणेश चतुर्थी व्रत |
6 अक्टूबर |
जिऊतिया, महालक्ष्मी व्रत |
10 अक्टूबर |
इंदिरा एकादशी |
12 अक्टूबर |
प्रदोष व्रत, शिव चतुर्दशी व्रत |
14 अक्टूबर |
पितृ मोक्ष, स्ना.दा.श्रा.अमावस्या |
15 अक्टूबर |
शारदीय नवरात्रि आरम्भ, बैठकी |
16 अक्टूबर |
च्नद्र दर्शन |
18 अक्टूबर |
विनायकी चतुर्थी व्रत |
19अक्टूबर- |
उपांग ललिता व्रत |
20 अक्टूबर |
सरस्वती आवाह्न |
21 अक्टूबर |
सरस्वती पूजा, निशा पूजा |
22 अक्टूबर |
दुर्गा अष्ठमी, महा अष्ठमी |
23 अक्टूबर |
दुर्गा नवमी, जवारे विसर्जन |
24 अक्टूबर |
विजयादशमी, दशहरा |
25 अक्टूबर |
पापांकुशा एकादशी व्रत |
26 अक्टूबर |
प्रदोष व्रत |
28 अक्टूबर |
शरद पूर्णिमा, कोजागरी व्रत स्ना. दा. व्र. पूर्णिमा, चंद्रग्रहण |
Lala Ramswaroop Calendar November 2023
Date |
व्रत व त्यौहार |
1 नवंबर |
करवा, गणेश चतुर्थी व्रत |
3 नवंबर |
स्कंद षष्ठी व्रत |
5 नवंबर |
अहोई अष्ठमी |
9 नवंबर |
रमा एकादशी, गोवत्स द्वादशी |
10 नवंबर |
रूप, शिव चतुर्थी व्रत, दक्षिणी दीपवाली |
13 नवंबर |
स्ना. दा. श्रा. सोमवती अमवास |
14 नवंबर |
अनकूट, गोवर्धन पूजा, गौ क्रीड़ा, बलि पूजा, चंद्रदर्शन |
15 नवंबर |
भाई दोज, यम द्वितीय |
17 नवंबर |
विनायकी चतुर्थी व्रत |
18 नवंबर |
पांडव पंचमी |
19 नवंबर |
सूर्य षष्ठी व्रत, डाला छठ |
20 नवंबर |
गोपा अष्ठमी |
21 नवंबर |
अक्षय (आंवला ) नवमी |
23 नवंबर |
देवउठनी (प्रबोधिनी) ग्यारस |
24 नवंबर |
प्रदोष व्रत, चातुर्मास समाप्त |
26 नवंबर |
बैकुण्ड चतुर्दशी, व्रत पूर्णिमा |
27 नवंबर |
स्नान दान कार्तिक पूर्णिमा |
30 नवंबर |
गणेश चतुर्थी व्रत |
Lala Ramswaroop Calendar December 2023
Date |
व्रत व त्यौहार |
5 दिसंबर |
काल भैरव अष्टमी |
8 दिसंबर |
उत्पन्ना एकादशी व्रत |
1 दिसंबर |
प्रदोष व्रत |
11 दिसंबर |
शिव चतुर्दशी व्रत |
12 दिसंबर |
स्नानदान श्राद्ध अमावस्या |
14 दिसंबर |
चंद्रदर्शन |
16 दिसंबर |
विनायकी चतुर्थी व्रत |
18 दिसंबर |
चम्पा षष्ठी, बैगन छठ |
19 दिसंबर |
नंदा सप्तमी |
23 दिसंबर |
मोक्ष एकादशी व्रत |
24 दिसंबर |
प्रदोष व्रत, अनंग त्रियोदशी |
26 दिसंबर |
स्नानदान व्रत, दत्त पूर्णिमा |
30 दिसंबर |
गणेश चतुर्थी व्रत |
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Lala Ramswaroop Calendar FAQ
पंचांग क्या है? इसके प्रमुख तत्व क्या हैं?
पंचांगम या पंचांग एक हिंदू ज्योतिषीय पंचांग (एफिमेरिस) है और यह हिंदुओं की आधिकारिक ज्योतिषीय मार्गदर्शिका है। एक विशिष्ट पंचांग में पाँच मुख्य तत्व होते हैं। वे हैं तिथि (हिंदू तिथि), वार (सप्ताह के दिन जैसे रविवार, सोमवार…), नक्षत्र (सितारों का समूह), योग/योग (एक शुभ मुहूर्त) और करण (तिथि का आधा भाग)। पंचांग का उपयोग ज्योतिषीय और धार्मिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है। पंचांगम प्राचीन भारतीय ज्योतिष गाइड है। यह पंचांग ज्योतिष के विभिन्न पहलुओं को शामिल करता है जैसे चंद्रमा का चरण, सितारों और ग्रहों की स्थिति आदि … पंचांग का मूल उद्देश्य हिंदू धार्मिक त्योहारों और शुभ समय का निर्धारण करना है।
नक्षत्र क्या हैं?
360 डिग्री राशि चक्र को 27 नक्षत्रों में बांटा गया है। (भले ही 28 नक्षत्र हों, 28वाँ नक्षत्र, अभिजीत को आमतौर पर नक्षत्र गणना में नहीं माना जाता है)। सूर्योदय के समय के नक्षत्र को दिन का नक्षत्र माना जाता है। किसी व्यक्ति के चरित्र के कई तत्वों को नक्षत्र द्वारा निर्धारित किया जाता है। (चंद्रमा हिंदू ज्योतिष में मन के लिए खड़ा है)। भारत के कई क्षेत्रों में, एक व्यक्ति का नाम जन्म नक्षत्र पर आधारित होता है या नाम का पहला शब्दांश नक्षत्र से लिया जाता है। पूजा या धार्मिक समारोह के समय, एक पुजारी आमतौर पर धार्मिक सेवा करने वाले व्यक्ति के नक्षत्र के बारे में पूछता है ताकि पूजा के उद्घाटन वक्तव्य में इसका पाठ किया जा सके। इसी प्रकार विवाह के समय मनोवैज्ञानिक अनुकूलता (कुंडली मिलान) की जांच के लिए वर और वधू दोनों के नक्षत्रों की तुलना की जा सकती है। वैदिक भारतीय ज्योतिष के अनुसार 27 नक्षत्र निम्नलिखित हैं: अश्विनी, भरणी, कृतिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, अश्लेषा, माघ, पूर्व-फाल्गुनी, उत्तरा-फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा , मूला, पूर्वा-आषाढ़, उत्तरा-आषाढ़, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा-भाद्रपद, उत्तरा- भाद्रपद, रेवती नक्षत्र को समझने का सबसे अच्छा तरीका है किसी शाम चंद्रमा का अवलोकन करना। तारों की पृष्ठभूमि के संबंध में चंद्रमा की स्थिति पर ध्यान दें। अगली शाम, उसी समय और उसी स्थान पर, सितारों की पृष्ठभूमि के संबंध में फिर से चंद्रमा की स्थिति का निरीक्षण करें। चंद्रमा 13 डिग्री 20 मिनट आगे बढ़ चुका है। एक दिन में चन्द्रमा की पूर्व दिशा की गति से आकाश का जो भाग विस्थापित होता है, वह नक्षत्र कहलाता है। अंग्रेजी में इसे लूनर मेंशन कहते हैं।
तिथि क्या है?
जिसे तिथि भी कहा जाता है, चंद्र तिथि है। तिथि भारतीय पंचांग या पंचांग का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है और इसलिए कई हिंदू त्योहार और समारोह तिथि पर आधारित होते हैं। तिथि वह समय है जब चंद्रमा और सूर्य के बीच देशांतरीय कोण 12° बढ़ जाता है। एक चंद्र मास में 30 तिथियां होती हैं, जिनका प्रारंभ समय और अवधि (19 से 26 घंटे) अलग-अलग होती है। अमावस्या (कोई चंद्रमा या अमावस्या का दिन) से शुरू होकर पूर्णिमा (पूर्णिमा) तक के 15 दिनों को शुक्ल-पक्ष (वैक्सिंग चरण) की तिथियाँ कहा जाता है और पूर्णिमा (पूर्णिमा के दिन) से शुरू होकर अमावस्या (नया चाँद) तक के दिन दिन) को कृष्ण पक्ष (घटता चरण) कहा जाता है। प्रत्येक चंद्र मास में 30 तिथियां होती हैं। चंद्र दिवसों (तिथियों) पर आधारित बारह महीनों में लगभग 354 दिन होते हैं। लीप वर्ष प्रणाली की तरह ही चंद्र वर्ष में हर 30 महीने में एक अतिरिक्त महीना जोड़ा जाता है। यह लीप-माह (आदिका-मास) आम तौर पर आषाढ़ या श्रावण के महीनों के बाद डाला जाता है और इसे या तो दूसरा आषाढ़ या श्रावण कहा जाता है। इस प्रकार प्रत्येक दूसरे या तीसरे वर्ष में 13 महीने होते हैं। आपका पंचांग चन्द्रवर्ष की तिथियों को सौरवर्ष की तिथियों से जोड़ने का कार्य करता है।
योग क्या होते हैं?
योग वह अवधि है जिसके दौरान सूर्य और चंद्रमा की संयुक्त गति का योग 13 °20′ हो जाता है। 27 योग होते हैं। प्रत्येक योगम के साथ एक विशेषता जुड़ी होती है।
हिंदू महीने क्या हैं?
हिंदू वर्ष में बारह चंद्र महीने होते हैं जिनका नाम उस नक्षत्र के नाम पर रखा जाता है जिसमें चंद्रमा पूर्ण होता है: · चैत्र (मार्च – अप्रैल) (चित्र-नक्षत्र) · वैशाख (अप्रैल-मई) (विशाखा-नक्षत्र) · ज्येष्ठा (मई – जून) (ज्येष्ठा-नक्षत्र) · आषाढ़ (जून – जुलाई) (पूर्वासाधा-नक्षत्र) · श्रावण (जुलाई – अगस्त) (श्रवण-नक्षत्र) भाद्रपद (अगस्त-सितंबर) (पूर्व-भाद्रपद-नक्षत्र) · अश्विना (सितंबर – अक्टूबर) (अश्विनी-नक्षत्र) · कार्तिका (अक्टूबर – नवंबर) (कृत्तिका-नक्षत्र) मार्गशीर्ष या अग्रहायन (नवंबर-दिसंबर) (मृगशीर्ष-नक्षत्र) पौसा (दिसंबर-जनवरी) (पुष्य-नक्षत्र) · माघ (जनवरी – फरवरी) (माघ-नक्षत्र) और फाल्गुन (फरवरी-मार्च) (फाल्गुन-नक्षत्र)। भारत के विभिन्न भागों में वर्ष की शुरुआत अलग-अलग महीनों में होती है। सामान्य तौर पर वर्ष चैत्र के महीने में या कार्तिक के शरद ऋतु के महीने में शुरू होता है।
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