New Education Policy | नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020-2021

New Education Policy | Nai Rashtriya Shiksha Niti 

केंद्र सरकार द्वारा देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लाया गया है। देश की पुरानी हो चुकी शिक्षा नीति को बदल कर नई शिक्षा नीति को उसकी जगह दे दी गयी है। इसकी शुरुआत इसरो प्रमुख डॉक्टर के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक जी के अगुवाई में की गयी है। पुरानी शिक्षा नीति के पैटर्न 10+2 बदल कर 5+3+3+4 पैटर्न का कर दिया गया है।

New Education Policy
New Education Policy

Nai Rashtriya Shiksha Niti 2021

सरकार द्वारा कैबिनेटन समिति के माध्यम से आखिरकार देश में “New Education Policy” 2020 को मंजूरी दे दी गई है। इस के माध्यम से देश में स्कूल और उच्च शिक्षा के लिए परिवर्तन तथा सुधारों का मार्ग प्रशस्थ होगा। सरकार द्वारा इस नीति के माध्यम से देश में 2030 तक शिक्षा में शत प्रतिशत GER के साथ पूर्व-विद्यालय से माध्यमिक स्तर तक शिक्षा के सार्वभौमिकरण का लक्ष्य रखा गया है। नई शिक्षा नीति के माध्यम से सरकार देश के 2 करोड़ से अधिक बच्चों को मुख्य धारा में वापस लाना चाहती है। अब नई नीति के अनुसार देश में 12 साल की स्कूली शिक्षा के साथ 3 साल की आंगनवाड़ी / प्री-स्कूलिंग शिक्षा व एक नया 5 + 3 + 3 + 4 स्कूली पाठ्यक्रम रखा गया है।

आर्टिकल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
विभाग शिक्षा विभाग
लाभार्थी विद्यार्थी
आधिकारिक वेबसाइट Click Here

New Education Policy क्या है?

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से अब स्कूलों तथा अकादमिक धाराओं, पाठ्य धाराओं तथा व्यावसायिक धाराओं के अंतर् कम होने से साक्षरता तथा संख्यात्मकता पर जोर दिया जायेगा। अब देश में व्यवसाहिक शिक्षा को ई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के में इंटर्नशिप के साथ कक्षा 6 से शुरू कर दिया जायेगा। अब देश में बच्चों को कक्षा 5 तक अपनी मातृ तथा क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई करने का अवसर प्रदान होगा। नयी शिक्षा नीति में छात्र की प्रगति के साथ-साथ अब मूल्यांकन सुधार तथा 360 डिग्री होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड व लर्निंग आउटकम को भी शामिल किया गया है। सरकार द्वारा 2035 तक शिक्षा सुधारों में उच्च शिक्षा में जीईआर को बढ़ा कर 50% किया जायेगा, तथा उच्च शिक्षा में 3.5 करोड़ सीटों को बढ़ाया जायेगा। उच्च शिक्षा पाठयक्रमों में उपयुक्त प्रमाणीकरण के साथ विषयों में लचीलापन तथा कई प्रवेश / निकास की अनुमति प्रदान की जाएँगी। अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट के माध्यम से ट्रांसफर ऑफ क्रेडिट की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। तथा साथ ही साथ राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना की जाएगी, ताकि देश में मजबूत अनुसंधान संस्कृति को बढ़ावा मिल सके। उच्च शिक्षा में भी अब विनियमन के विभिन्न कार्यों के लिए लग-अलग ऊर्ध्वाधर के साथ एकल नियामक रखे जायेंगे।

New National Education Policy 

New Education Policy 2020 के अनुसार देश की शिक्षा में स्कूल शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा के ढांचे में बदलाव निम्नलिखित है।

  • वर्तमान शिक्षा में 10 + 2 संरचना को बदलकर 5 + 3 + 3 + 4 संरचना कर दिया गया है।
  • प्ले स्कूल को अब 3 और 2 वर्षों के मूलभूत स्टेट के साथ ग्रेड 1 और 2 शामिल कर दिया गया है। वहीं प्रारंभिक चरण ग्रेड 3 से 5 में ,व मध्य विद्यालय को ग्रेड 6 से 8 में तथा ग्रेड 9 से 12 तक माध्यमिक चरण में शामिल कर दिया गया है। जिसकी पूरी संरचना नीचे विस्तारपूर्वक है।
  1. फाउंडेशनल स्टेज- फाउंडेशन स्टेज में 3 से 8 साल की उम्र तय की गई है। आंगनवाड़ी, प्री-स्कूल या आमतौर पर प्ले स्कूल और किंडर गार्डन कक्षाओं में बहु-स्तरीय खेल गतिविधि आधारित सीखने 3 से 6 वर्ष तक खानपान शामिल हैं। फाउंडेशनल स्टेज- फाउंडेशन स्टेज में 3 से 8 साल की उम्र तय की गई है। आंगनवाड़ी, प्री-स्कूल या आमतौर स्कूल और किंडर गार्डन कक्षाओं में बहु-स्तरीय खेल गतिविधि आधारित सीखने 3 से 6 वर्ष तक खानपान शामिल हैं। तथा ग्रेड 1,2 या कक्षा 1 और 2 में 6 से 8 वर्ष की आयु वाले छात्रों को भी जोड़ा जायेगा। 5 वर्ष की शिक्षा के अंतर्गत कक्षा 1,2 के दो वर्षो तथा प्री-स्कूल के 3 साल को कवर किया जायेगा। भाषा कौशल और शिक्षण के विकास ध्यान केंद्रों के माध्यम से खेल -कूद आधारित और गतिविधि आधारित पाठ्यक्रमों पर भी शिक्षा प्रदान की जाएगी।
  2. प्रारंभिक चरण- इस में कक्षा 3 से 5 तक के 8 से 11 आयु तक के छात्र आएंगे। इसके माध्यम से छात्रों को फ़ोकस प्ले, डिस्कवरी और गतिविधि पर आधारित इंटरेक्टिव कक्षा के अवसर भी प्रदान किये जायेंगे। प्रारंभिक चरण के अनुसार छात्रों के भाषा और संख्यात्मक कौशल के विकास पर सबसे ज्यादा फोकस किया जायेगा। इस ग्रेड 5 में मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्रदान की जाती है। छात्रों को तीन भाषाएं सिखाई जाएंगी,जो राज्य के सरकार तय करेंगी।
  3. मध्य चरण- मौजूदा शिक्षा प्रणाली से शिक्षाशास्त्र को बदल कर अनुभवात्मक तौर पर नई शिक्षा नीति का उद्देश्य विज्ञान, गणित, कला, सामाजिक विज्ञान और मानविकी के महत्वपूर्ण शिक्षण पर जोर देने पर है। यह चरण कक्षा 6 से 8 तक होगा।
  4. द्वितीयक चरण- माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक शिक्षा में कक्षा 9 से 12 को शामिल किया गया है। इस चरण में छात्र द्वारा चुनें गए, एक बहु-विषयक अध्ययन को परिवर्तन के रूप में शामिल किया गया है। इस में तकनीकी शिक्षा और कला भी शामिल है।
  • प्रारंभिक बचपन (3 से 6 वर्ष की आयु) की देखभाल तथा शिक्षा या ईसीसीई पर उच्च गुणवत्ता के लिए जोर दिया जायेगा। इसके साथ -साथ सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करने का प्रवधान भी किया गया है।

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नई शिक्षा नीति के कुछ अन्य महत्वपूर्ण पहलू

नई शिक्षा नीति के अनुसार अभिभावकों को भी जागरूकता प्रदान की जाएगी ,सभी छात्रों की बौद्धिक क्षमताओं को बढ़ाने में जोर दिया जायेगा। विषयों के प्रति छात्रों के मन में कोई कठिनाई या अलगाव नहीं होगा। पाठ्यक्रम नैतिकता, संवैधानिक मूल्यों पर आधारित होगा। वैचारिक, रचनात्मकता और महत्वपूर्ण सोच को बढ़ावा दिया जायेगा। National Education Policy 2020 की पूरी जानकारी के लिए आप शिक्षा मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट www.education.gov.in पर लॉगिन कर सकते है।

New National Education Policy Highlights of Higher Education

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की महत्वपूर्ण विशेषताएं

  • उच्च शिक्षा के नियामक सिस्टम के अनुसार मान्यता, वित्त पोषण और शैक्षणिक मानक सेटिंग अलग- अलग होंगी। यह मानक उच्च शिक्षा आयोग या एचईसीआई द्वारा तय किये गए है।
  • एक राष्ट्रीय शिक्षा योग्यता फ्रेमवर्क बनाने के लिए HECI के 4 कार्यक्षेत्र राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा नियामक परिषद या HNERC, राष्ट्रीय प्रत्यायन परिषद (NAC), उच्च शिक्षा अनुदान परिषद (HEGC) और सामान्य शिक्षा परिषद (GEC) बनाये गए है।
  • एकल उच्च शिक्षा नियामक – एचईसीआई द्वारा यूजीसी, एआईसीटीई को प्रतिस्थापित किया जाएगा। व्यावसायिक परिषदें जैसे – ICAR इंडियन काउंसिल फॉर एग्रीकल्चरल रिसर्च , NCTE नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन, CoA काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर, NCVET नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग, VCI वेटरनरी काउंसिल ऑफ इंडिया एक व्यावसायिक मानक सेटिंग निकायों (PSSBs) के रूप कार्य करेंगी।
  • नई शिक्षा नीति के अनुसार देश में विश्वविद्यालयों का नाम शिक्षा गुणवत्ता के आधार पर रखा जायेगा न की उनके स्वामित्व के आधार पर।0
  • अब स्नातक की डिग्री या तो 3 या 4 साल की होगी।
  • अब स्नातक की डिग्री या तो 3 या 4 साल की होगी। व्यावसायिक या अव्यावसायिक क्षेत्रों में एक वर्ष के आधार पर प्रमाण पत्र तथा दो वर्ष में डिप्लोमा प्रदान किया जायेगा। तथा तीन साल के बाद ही स्नातक की डिग्री प्रदान की जाएगी। पसंदीदा विकल्प के तौर पर 4-वर्षीय बहु-विषयक बैचलर प्रोग्राम को रखा गया है।
  • 4 साल की डिग्री प्रोग्राम के तहत यदि शोध प्रक्रिया निर्दिष्ट अध्ययन में पूरी होती है , तो छात्रों के पास रिसर्च के साथ डिग्री प्राप्त करने का एक विकल्प होगा।

प्रमुख सुधारों का सुझाव के आधार पर उच्च शिक्षा में छात्रों को अधिक लचीलापन प्रदान किया जायेगा। छात्र किसी भी विषय को उच्च शिक्षा के लिए चुन सकते है, तथा विश्रामपूर्ण और अन्य विकल्प ले सकते हैं।

Note- हमारी इस वेबसाइट का उद्देश्य आप तक सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओ की जानकारी पहुँचाना है। अगर आपको ये जानकारी सही लगे तो दूसरो के साथ भी साँझा कीजिये, कोई त्रुटि हो तो हमे जरूर बताए। धन्यवाद

मई 2016 में, किसकी अध्यक्षता में ‘नई शिक्षा नीति के विकास के लिए समिति’ ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की?

स्वर्गीय श्री टी.एस.आर. की अध्यक्षता में सुब्रमण्यन, पूर्व कैबिनेट सचिव, ‘नई शिक्षा नीति के विकास के लिए समिति’ ने मई 2016 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।

नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार नई पाठ्यक्रम संरचना क्या है?

नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार नई पाठ्यक्रमिक संरचना 5 + 3 + 3 + 4 है।

किस वर्ष तक, शिक्षण के लिए न्यूनतम डिग्री योग्यता 4-वर्षीय एकीकृत बी.एड डिग्री होने जा रही है?

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार 2030 तक, शिक्षण के लिए न्यूनतम डिग्री योग्यता 4-वर्षीय एकीकृत बीएड डिग्री होने जा रही है।

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