नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि Navratri Puja Vidhi Hindi

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Navratri Puja Vidhi:-

सनातन धर्म में नवरात्रि एक महत्वपूर्ण पर्व है जिसे पूरे भारत में एक महान पर्व के रूप में मनाया जाता है| इन 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है और दसवें दिन दशहरा के नाम से पर्व मनाया जाता है। आज हम आपको इस लेख में इसके बारे में बता रहे हैं। इसके माध्यम से हम आपको नवरात्रि पूजा विधि के बारे में बताएंगे| इसके अलावा, नवरात्रि में उपयोग की जाने वाली सामग्री, घर पर नवरात्रि पूजा विधि, नवरात्रि पूजा विधि, कलश स्थापना, नवरात्रि पूजा करने के क्या फायदे हैं, इन सभी विषयों के बारे में हम आपको विस्तृत जानकारी देंगे, यदि आप इन सबके बारे में जानने के इच्छुक है तो हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ें|

Navratri Puja Vidhi

Navratri Puja Vidhi

नवरात्रि का पर्व साल में दो बार आता है, एक चैत्र माह में और दूसरा आश्विन माह में। आश्विन मास की नवरात्रि में भगवान राम की पूजा और रामलीला का महत्व होता है। आश्विन मास की नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि भी कहा जाता है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, 14 अक्टूबर की रात्रि 11 बजकर 24 मिनट से आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी और 16 अक्टूबर मध्य रात्रि 12 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए शारदीय नवरात्रि पर्व 15 अक्टूबर 2023, रविवार को शुरू होगा। इस विशेष दिन पर चित्रा नक्षत्र और स्वाति नक्षत्र का निर्माण हो रहा है, जो शुभ कार्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ हैं|

अगर आप नवरात्रि पर अपने घर में मां दुर्गा की स्थापना करना चाहते हैं तो उनकी मूर्ति या तस्वीर जरूर लें। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा का श्रृंगार करने के साथ-साथ उन्हें श्रृंगार का सामान भी अर्पित किया जाता है। इसके लिए लाल बिंदी, लाल चूड़ियां, सिन्दूर, मेहंदी, कुमकुम, चुनरी, लाल रंग की साड़ी और आलता लेकर आएं। मां दुर्गा की चौकी के लिए एक चौकी, लाल रंग का कपड़ा और फूलों की माला अवश्य लें।

नवरात्रि व्रत के महत्व

धार्मिक कथाओं के अनुसार एक बार बृहस्पति जी ने ब्रह्मा जी से पूछा कि चैत्र और आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में ही नवरात्रि का व्रत और उत्सव क्यों मनाया जाता है। इस व्रत का फल क्या है और इसे किस प्रकार करना उचित है? सबसे पहले यह व्रत किसने किया था? बृहस्पतिजी के इस प्रश्न के उत्तर में ब्रह्माजी ने कहा- हे बृहस्पतिजी! आपने प्राणियों के कल्याण के विषय में बहुत अच्छा प्रश्न पूछा है। वे लोग धन्य हैं जो अपनी इच्छाओं को पूरा करने वाली दुर्गा, महादेव, सूर्य और नारायण का ध्यान करते हैं। यह नवरात्रि व्रत सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला है।

ऐसा करने से शिशु चाहने वाले को शिशु, धन चाहने वाले को धन, विद्या चाहने वाले को विद्या और सुख चाहने वाले को सुख मिलता है। इस व्रत को करने से रोगी व्यक्ति का रोग दूर हो जाता है। व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और घर में समृद्धि बढ़ती है तथा विवाहित स्त्री को पुत्र की प्राप्ति होती है। मनुष्य सभी पापों से मुक्त हो जाता है।

Navratri Puja Vidhi Kaise Kare?

शास्त्रों में बताया गया है कि शारदीय नवरात्रि के शुभ अवसर पर घटस्थापना मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त के दौरन तय होता है। घट स्थापना का समय निश्चित चित्रा नक्षत्र के दौरन ही होता है।

सबसे पहले स्वच्छ पानी से स्नान करें। इसके बाद स्वच्छ कपड़े पहनें| इसके बाद कलश की स्थापना करनी चाहिए| जिसमें आम के पत्ते और जल डालें. कलश पर जल वाला नारियल लाल कपड़े या लाल मौली में बांधकर रखें। इसमें एक बादाम, दो सुपारी और एक सिक्का अवश्य रखें। इसके बाद मूर्ति की आसन, पद, अर्ध, आचमय, स्नान, वस्त्र, गंध, अक्षत, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, आचमन, पुष्पांजलि, नमस्कार, प्रार्थना आदि से पूजा करें। मां दुर्गा को फल और मिठाई का भोग लगाएं। धूप से माता रानी की आरती करें। इसके बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और मां दुर्गा की स्तुति करें। पाठ करने के बाद दुर्गाजी की आरती करें और प्रसाद बांटें।

शारदीय नवरात्रि 2023 कैलेंडर (Shardiya Navratri 2023 Calender)

  • 15 अक्टूबर 2023- मां शैलपुत्री की पूजा
  • 16 अक्टूबर 2023- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
  • 17 अक्टूबर 2023- मां चंद्रघंटा की पूजा
  • 18 अक्टूबर 2023- मां कूष्मांडा की पूजा
  • 19 अक्टूबर 2023- मां स्कंदमाता की पूजा
  • 20 अक्टूबर 2023- मां कात्यायनी की पूजा
  • 21 अक्टूबर 2023- मां कालरात्रि की पूजा
  • 22 अक्टूबर 2023- मां सिद्धिदात्री की पूजा
  • 23 अक्टूबर 2023- मां महागौरी की पूजा
  • 24 अक्टूबर 2023- विजयदशमी (दशहरा)

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