What is kisan krishi Bill 2023? | Agriculture Farm Bill | किसान बिल पर हाय-तौबा क्यों?

Kisan Krishi Bill | farmer bill in Hindi  | कृषि विधेयक क्या है | कृषि विधेयक | Farmers Bill Download | किसान बिल | kisan bill in hindi |  किसान बिल

kisan krishi Bill – केंद्र की मोदी सरकार द्वारा देश की किसानों की आय को बढ़ाने के लिए, विभिन्न प्रकार की योजनाओं और सेवाओ की शुआत की गयी है। जिसके माध्यम से सरकार देश के किसानो की आर्थिक स्थिति में सुधार करना चाहती है। इसके लिए सरकार द्वारा संसद में किसान कृषि बिल लाया गया है। जो किसानों की फसल, बाजार, फसल मूल्य तथा बाजार मूल्य आदि से संबन्धित है। इस लेख के माध्यम से हम आपको किसान कृषि बिल से सम्बंधित जानकारी प्रदान कर रहे।

kisan krishi Bill

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 14 सितंबर, 2020 को किसान कृषि बिल को संसद की लोकसभा में प्रस्तुत किया था। किसान कृषि बिल का मुख्य उद्देश्य कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य का सरलीकरण करना है । नये कृषि कानूनों के अनुसार देश भर के किसानों को उनके द्वारा उत्पादित की गई फसलों की,अच्छी कीमत मिल सके, ताकि किसानों की आर्थिक व सामजिक स्तर में बदलाव हो सकें। किसानो की स्थिति में सुधार के लिए केंद्र की मोदी सरकार पिछले 6 सालों से अनेक प्रकार की योजनओं शुरुआत की है।

KISAN-KRISHI- BILL 2020

किसान कृषि बिल क्या है?

केंद्र सरकार द्वारा जिस किसान बिल के तहत कृषि सुधारों को लेकर तीन अहम विधेयक पास कराए। वह निन्मलिखित है।

  1.  किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) विधेयक मूल्य आश्वासन- सरकार किसनो के लिए कृषि बिल में कृषि करारों पर राष्ट्रीय फ्रेमवर्क प्रदान कर रही है। अर्थात कृषि की पैदावार की बिक्री तथा ,फार्म सर्विसेज ,कृषि बिजनिस फार्म ,प्रोसेस ,थोक विक्रेता ,बड़े खुदरा विक्रेता और उन्नत किसानी जुड़ना आसान कर दिया गया है। उन किसानो के लिए जो कॉन्ट्रैक्ट किसानी का काम करते है, उन्हे उन्नत किस्म के बीजो की सप्लाई तथा तकनिकी मदद और फसलों की निगरानी करना ,तथा लोन व फसल बिमा की सहूलियत प्रदान करना है।
  2. सेवा विधेयक और आवश्यक वस्तुएं विधेयक- सरकार द्वारा किसानो के लिए लाये गए तीसरे बिल में अनाज, दाल तिलहन ,खाने वाला तेल, आलू तथा प्याज को महत्वपूर्ण चीजों की सूची से हटा दिया है। जिसके कारण इन सभी उत्पादों की बाजार में सही कीमत प्राप्त हो पाएगी, और बाजार में मुकाबला भी बढ़ेगा।
  3. किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य विधेयक- किसानों को देश में कहीं भी फसल बेचने के लिए आजाद कर दिया गया है।जिसके माध्यम से राज्यों के बीच कारोबार बढ़ेगा तथा मार्केटिंग और ट्रांस्पोर्टिशन पर भी खर्च कम होगा।

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kisan krishi Bill लाभ पर सरकार और विपक्ष की राय?

  1. वन नेशन वन मार्केट :- विपक्षी दलों का कहना है, की इस बिल से किसानों का नुकसान होगा। जबकि केंद्र सरकार द्वारा लाये गए इस बिल से किसान देश भर में आसानी से अपनी फसलों का व्यापार कर सकते है। किसानो को इस बिल से काफी फायदा मिलेगा, पूरे देश में ‘वन नेशन वन मार्केट’ होगा. किसान देश के किसी भी कोने में जाकर अपनी फसल की बिक्री करने के लिए सक्षम होंगे.
  2. न्यूनतम समर्थन मूल्य :- किसान बिल को लेकर विपक्ष पार्टिया का कहना की इस बिल के माधयम से सरकार देश के किसानों को भ्रमित कर रही हैं। इस बिल के माधयम से सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से वंचित करना चाहती है। जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है। इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य का कोई संबंध नहीं है। यह पहले भी दिया जा रहा है, और आगे भी दिया जाता रहेगा।
  3. मंडी सिस्टम :- मंडी सिस्टम के लिए विपक्ष का कहना है, की सरकार किसान कृषि बिल ला कर मंडी सिस्टम को ख़त्म करना चाहती है। परन्तु केंद्र सरकार का कहना हैं, कि यह जैसे पहले था,आगे भी वैसा ही रहेगा इसमें कोई बदलाव नहीं किया जायेगा।
  4. कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम :–विपक्ष व बहुत सरे किसानों को यह भ्रम है,की बड़ी कंपनियां किसानों से कॉन्ट्रैक्ट साइन कराकर उनका शोषण करेंगी। परन्तु सरकार का इस पर कहना की जब किसान फ़ूड प्रोसेसिंग कंपनियों के साथ मिलकर किसान टाई–अप करेंगे तो उनकी आय में वृद्धि होगी, तथा उनके आर्थिक व सामाजिक विकास में सहायता प्रदान करेंगे। कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम से किसानों को तय दाम मिलेगा, साथ ही साथ किसान आपने हिसाब से कंपनियों के साथ जुड़ पाएंगे और यदि किसान इस कॉन्ट्रैक्ट से हटना चाहते हैं, तो वह किसी भी समय हट सकते हैं।वो भी बिना किसी पेनाल्टी के।
  5. किसानों की जमीन :- विभिन्न विपक्षी दलों का कहना है की सरकार नए किसान कृषि बिल से किसानों की जमीन पैसे वाले लोगों को दे देना चाहती है। किन्तु नए कृषि कानूनों के अनुसार किसान अपनी जमीन को लीज या गिरवी नहीं रख सकते हैं। ऐसा करना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हैं, और जो भी किसान किसी कम्पनी के साथ करते है, उनका यह कॉन्ट्रैक्ट जमीन को लेकर नहीं होगा बल्कि फसलों को लेकर होगा।
  6. किसानों को फायदा :- विभिन्न किसान संगठनों व विपक्षी दलों का मानना है,की सरकार द्वारा लाये गए नए कृषि कानूनों से देश के छोटे किसानों को नुकसान होगा। और बड़े कॉर्पोरेट्स को फायदा होगा। जबकि सरकार का कहना है, ऐसा बिलकुल भी नहीं है। किसान बड़े कॉर्पोरेट्स के साथ जुड़कर गन्ना, चाय एवं कॉफ़ी की खेती कर सकेंगे। और छोटे एवं मध्यम वर्ग के किसान भी इसका फायदा उठा पाएंगे।

किसान कृषि बिल/किसान कृषि बिल का किसान क्यों कर रहे है विरोध? 

इस वर्ष केंद्र की मोदी सरकार द्वारा किसानो को हितों को ध्यान में रखते हुए देश भर के किसानों आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए किसान कृषि बिल २०२० लेकर आयी है। परन्तु देश भर के किसान संगठनों का आरोप है, कि सरकार द्वारा लाये गये नए कानून से कृषि क्षेत्र पूंजीपतियों के हाथों में चला जाएगा। जिसका नुकसान देश भर के छोटे को किसानों को होगा। क्योंकि सरकार अकाल, युद्ध, प्राकृतिक आपदा जैसी अन्य समय पर ही न्यूनतम मूल्य निर्धारित करेगी जैसे – कोरोना काल में सैनिटाइजर – मास्क पर लगाया था।

  • केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार संसद में पारित नये कृषि बिल का पुरे देश में जबरदस्त विरोध हो रहा है। देश में किसानो ने बिल के विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिए है। सबसे ज़्यदा प्रदर्शन पंजाब व हरियाणा के किसानों ने किया है। सरकार द्वारा पारित कृषि बिल के विरोध में केंद्र सरकार में मंत्री रही हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया। वहीं विपक्षी पार्टिया भी इस बिल का विरोध कर रही है। किसान व विपक्ष का कहना है की किसान कृषि बिल लाकर सरकार मंडी व्यवस्था समाप्त करना चाहती है। जिसके कारण किसानों को फसलों की (एमएसपी) न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पायेगा। देश के विभिन्न किसान संगठनों का आरोप है, कि यह बिल किसानों के हित में नहीं है। किसानों का मानना है,की इस बिल के कारण किसानों के खेतों और मंडियों पर बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों का कब्जा हो जायेगा।
  • किसान कृषि बिल पर सरकार का कहना है, की कृषि से सम्बंधित कानूनों में किये गए बदलाव से देश के किसानों की आर्थिक व सामाजिक जीवन स्तर में उन्नति होगी। नए किसान कानूनों से देश के किसानों को जहाँ नए अवसर प्राप्त होंगे, वही बिचौलिये समाप्त हो जायेंगे। इस कानून से सबसे बड़ा फायदा देश के छोटे किसानों को होगा। जबकि सरकार का दावा है कि कृषि में लाए जा रहे बदलावों से किसानों की आमदनी बढ़ेगी, उन्हें नए अवसर मिलेंगे. बिचौलिए खत्म होंगे. इससे सबसे ज्यादा फायदा छोटे किसानों को होगा.
  • For more information about Kisan Agriculture Bill, click on http://agricoop.nic.in

NOTE- हमारे द्वारा प्राप्त जानकारी आपको कैसी लगी। कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताये। तथा अन्य किसी भी प्रकार योजनाओं से सम्बंधित जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट https://yojanasarkari.in के जुड़े रहे। धन्यवा

योजना से सम्बंधित महत्वपूर्ण FAQ

न्यूनतम समर्थन मूल्‍य (एमएसपी) का क्‍या होगा?

न्यूनतम समर्थन मूल्‍य(एमएसपी) सरकार द्वारा पहले भी दिया जा रहा है, और भविष्‍य में दिया जाता रहेगा।किसान कृषि बिल से इसका कोई लेना -देना नहीं है।

क्या किसान कृषि बिल से किसानों की जमीन छिन जायेगी ?

नहीं ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। किसान कृषि बिल से किसानों की फसलों से सम्बंधित है, न की उनकी जमीनों से।

कृषि समझौता क्या है?

कृषि समझौता किसान / एफपीओ और प्रायोजक के बीच एक समझौता है: दोनों भागीदार कृषि उत्पादों के उत्पादन और विपणन के लिए नियमों और शर्तों पर पहले से सहमत हैं। कृषि सेवा प्रदाता और एग्रीगेटर जैसे तीसरे पक्ष भी इस तरह के समझौते में शामिल हो सकते हैं।

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