Atmanirbhar Bharat Abhiyan 2024: आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0: ऑनलाइन आवेदन

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आत्मनिर्भर भारत अभियान – आत्मनिर्भर भारत अभियान : कोरोना महामारी के कारण उपजे हुए संकट से उबारने और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने आज 12 मई 2020 को 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की । जो भारत सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 10% के बराबर है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि विशेष आर्थिक पैकेज देश में श्रमिकों, किसानों, ईमानदार करदाताओं, MSME (यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग) और कुटीर उद्योगों के लिए है।

भारत का 20 लाख करोड़ का पैकेज कोरोना संकट के दौरान अभी तक ऐलान किए गए सभी पैकेजों को जोड़कर है। सरकार ने सबसे पहले मार्च में 1.70 लाख करोड़ की मदद का ऐलान किया था। फिर अप्रैल में एक लाख करोड़ का पैकेज आया। अब मई में 17.30 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया गया है।

Atmanirbhar Bharat Abhiyan

Table of Contents

Atmanirbhar Bharat Abhiyan क्या है?

  • मोदी जी ने कहा कि “यह आर्थिक पैकेज उन श्रमिको के लिए है, देश के उन किसानो के लिए, जो हर मौसम में देश के लिए दिन-रात काम करता है, देश के उस मध्यम वर्ग के लिए है, जो ईमानदारी से अपने कर का भुगतान करता है और देश के विकास में योगदान देता है। प्रधान मंत्री मोदी ने कहा “आज मैं कोरोना संकट की स्थिति में एक नए संकल्प के साथ एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं।” यह आर्थिक पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम करेगा।
  • कोरोना संकट के कारण कुछ समय पहले सरकार द्वारा आर्थिक घोषणाएं की गई, जो रिज़र्व बैंक के निर्णय थे और उनको अगर आज जो आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई है उसके साथ जोड़ दें तो वह लगभग 20 करोड़ रुपये के आसपास है। जो कि भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 10 प्रतिशत है।
Atmanirbhar Bharat Abhiyan Highlights 
आर्टिकल आत्मनिर्भर भारत अभियान
विभाग वित्त विभाग
उद्देश्य देश की आर्थिक स्थिति में सुधार करना
लाभार्थी देश के नागरिक
आधिकारिक वेबसाइट Click Here

आत्मनिर्भर भारत अभियान के महत्वपूर्ण बिंदु/प्रधानमंत्री विज़न

  • कॉल फॉर आत्मनिर्भर भारत अभियान और स्व-विश्वसनीय भारत आंदोलन।
  • आत्मनिर्भर भारत अभियान के पाँच स्तंभ – अर्थव्यवस्था, आधारभूत संरचना, सिस्टम, वाइब्रेंट डेमोग्राफी और डिमांड।
  • 20 लाख करोड़ रुपये का विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज- भारत के GDP के 10% के बराबर।
  • कुटीर उद्योग सहित विभिन्न वर्गों जैसे MSME, मजदूर, मध्यम वर्ग, उद्योग, अन्य को पूरा करने के लिए पैकेज।
  • पूरे सेक्टर में बोल्ड सुधार देश को आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाएंगे।
  • यह हमारे स्थानीय उत्पादों के लिए मुखर होने और उन्हें वैश्विक बनाने का समय है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के ये होंगे 5 मूल आधार 

  • पीएम मोदी के अनुसार 21वीं सदी में देश को आत्मनिर्भर बनाने का एकमात्र तरीका फिर से स्वदेशी अपनाना है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक आत्मनिर्भर भारत के लिए 5 मूल मंत्रों की भी बात की।
  • उन्होंने कहा कि एक मजबूत अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचा, प्रौद्योगिकी आधारित प्रणाली, विविधतापूर्ण आबादी और भारी मांग भारत की आत्मनिर्भरता के आधार होंगे।
  • वहीं, संरक्षणवाद की आशंकाओं को दबाते हुए, प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भरता का मतलब आत्म-केंद्रित होना नहीं है, बल्कि हमारा लक्ष्य दुनिया में शांति और समृद्धि पैदा करना है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान राहत पैकेज

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वित्त मंत्री ने आर्थिक पैकेज पर क्या क्या बोला ?

  • प्रधान मंत्री जी ने कहा है कि इस पैकेज से आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में बहुत मदद मिलेगी। और कहा कि इस अभियान में भूमि, श्रमिकों, नकदी और कानूनों पर पूरा ध्यान दिया जाएगा।
  • इसका सीधा मतलब है कि आने वाले दिनों में परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण आसान हो जाएगा। सरकार श्रम सुधारों की ओर बढ़ेगी, बाजार में नकदी का प्रवाह बढ़ाएगी और कानूनों को सरल बनाया जायेगा ताकि उद्योगों को आसानी से स्थापित किया जा सके।
  • पीएम मोदी ने यह भी कहा कि वित्त मंत्री बुधवार से इस पैकेज की विशेषताओं पर विस्तृत जानकारी देंगी।
  • मोदी जी ने कहा कि यह आर्थिक पैकेज देश के श्रमिकों, किसानों, ईमानदार करदाताओं, MSME और कुटीर उद्योगों के लिए है।

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3 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज

सरकार ने MSMEs की मजबूती के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया। वित्त मंत्री ने बताया कि MSMEs, कुटिर उद्योगों और गृह उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए छह नए कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि एमएसमई सेक्टर के लिए 4 हजार करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी जिससे 2 लाख कंपनियों को फायदा होगा।

1. एमएसएमई और बिजनस के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के लिए ऑटोमैटिक लोन

  • सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग, कुटिर उद्योग और गृह उद्योग मिलकर 12 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार देते हैं।
  • इनके लिए 3 लाख करोड़ रुपये का ऑटोमैटिक लोन का प्रवाधान किया गया है।
  • किसी को अपनी ओर से किसी तरह की गारंटी देने की जरूरत नहीं है।
  • इसकी समयसीमा भी चार वर्ष की होगी।
  • पहले एक वर्ष में मूलधन वापस नहीं करना पड़ेगा।
  • 31 अक्टूबर, 2020 से इस स्कीम का फायदा उठाया जा सकता है।
  • इस योजना का लाभ लेकर 45 लाख यूनिट बिजनस ऐक्टविटी दोबारा शुरू कर सकते हैं।
  • उनके यहां नौकरियां बचाई जा सकती हैं।

2. एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमने एमएसएमई की परिभाषा को बदला है। नई परिभाषा के तहत 100 करोड़ तक के टनओवर वाले उद्योग को लघु उद्योग की कैटेगरी में रखा जाएगा।

सुक्ष्म उद्योग:

  • मैन्युफैक्चरिंग एंटरप्राइज के लिए पहले निवेश की सीमा पहले 25 लाख और सर्विस इंटरप्राइज के लिए दस लाख रुपए थे।
  • नई परिभाषा के तहत सरकार ने इसे बढ़ाकर एक करोड़ कर दिया है।
  • साथ ही पांच करोड़ रुपए के टर्नओवर तक को इसके माइक्रो के तहत रखा जाएगा।
  • इन्हें पहले की तरह सारी सुविधाएं मिलेंगी।

लघु उद्योग:

  • मैन्युफैक्चरिंग एंटरप्राइज और सर्विस एंटरप्राइज के लिए निवेश की सीमा क्रमश: पांच करोड़ और दो करोड़ रुपए थे।
  • नई परिभाषा के तहत सरकार ने इसे बढ़ाकर दस करोड़ कर दिया है।
  • साथ ही 50 करोड़ तक का टर्नओवर होने पर उन्हें लघु उद्योग की श्रेणि की हर सरकारी छूट मिलेगी।

मध्यम उद्योग:

  • मैन्युफैक्चरिंग एंटरप्राइज और सर्विस एंटरप्राइज के लिए निवेश की सीमा क्रमश: दस करोड़ और पांच करोड़ रुपए थे।
  • नई परिभाषा के तहत सरकार ने इसे बढ़ाकर 20 करोड़ कर दिया है।
  • साथ ही 100 करोड़ तक का टर्नओवर होने पर उन्हें लघु उद्योग की श्रेणि की हर सरकारी छूट मिलेगी।

3. MSME’s के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का सबॉर्डिनेट डेब्ट

  • एनपीए वाले और स्ट्रेस्ड MSME 20 हजार करोड़ रुपये का सबॉर्डिनेट लोन दिया जाएगा।
  • इससे 2 लाख से ज्यादा यूनिट को लाभ मिलेगा।

4. MSME’s फंड ऑफ फंड्स के जरिए 50 हजार करोड़ रुपये का इक्विटी इन्फ्यूजन

  • जो MSME अपने बिजनस का विस्तार, आकार और क्षमता बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें सुविधा नहीं मिल पा रही है, उनके लिए फंड ऑफ फंड्स के जरिए फंडिंग मिलेगी।

5. 200 करोड़ रुपये के लिए ग्लोबल टेंडर की अनुमति नहीं

  • 200 करोड़ रुपये तक की सरकारी खरीद में ग्लोबल टेंडर की अनुमति नहीं होगी।
  • सरकार को घरेलू कंपनियों से टेंडर मंगवाने की बाध्यता होगी।

6. बिजनस और वर्करों को तीन महीनों के लिए 2,500 करोड़ रुपये ईपीएफ सपॉर्ट

  • बिजनस और वर्करों को तीन महीनों के लिए 2,500 करोड़ रुपये ईपीएफ सपॉर्ट दिया जाएगा।
 

आत्मनिर्भर भारत अभियान के संकल्प

  • देश को विकास के नए दौर में ले जाने के लिए देश के विभिन्न वर्गों को एक साथ जोड़ा जाएगा।
  • देश को विकास यात्रा की एक नई गति प्रदान की जाएगी।
  • देश के मजदूर श्रमिक किसान लघु उद्योग कुटीर उद्योग मध्यमवर्गीय उद्योग सभी पर विशेष ध्यान अथवा बल दिया जाएगा।
  • सभी उद्योगों को 20 लाख करोड़ की सहायता प्रदान करेगा जो कि भारत के एक गरीब नागरिक की आजीविका का साधन है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान राहत पैकेज के लाभ

  • 10 करोड़ मजदूरों को लाभ होगा।
  • MSME से जुड़े 11 करोड़ कर्मचारियों को फायदा।
  • इंडस्ट्री से जुड़े 3।8 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचेगा।
  • टेक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़े 4।5 करोड़ कर्मचारियों को लाभ पहुंचेगा ।
  • राहत पैकेज कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, हमारे लघु-मध्यम उद्योग, MSME के लिए है, जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है ।
  • आर्थिक पैकेज से गरीब मजदूरों, कर्मचारियों के साथ ही होटल तथा टेक्सटाइल जैसी इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को फायदा होगा।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के लाभार्थी

  • देश का गरीब नागरिक
  • श्रमिक
  • प्रवासी मजदूर
  • पशुपालक
  • मछुआरे
  • किसान
  • संगठित क्षेत्र व असंगठित क्षेत्र के व्यक्ति
  • काश्तकार
  • कुटीर उद्योग
  • लघु उद्योग
  • मध्यमवर्गीय उद्योग

आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज के महत्वपूर्ण क्षेत्र

  • कृषि प्रणाली (Reformation Of Agricultural Supply Chain & System)
  • सरल और स्पष्ट नियम कानून (Rational Tax System)
  • उत्तम आधारिक संरचना (Reformation Of Infrastructure)
  • समर्थ और संकल्पित मानवाधिकार ( Capable Human Resources)
  • बेहतर वित्तीय सेवा (A Good Financial System)
  • नए व्यवसाय को प्रेरित करना (To Motivate New Business)
  • निवेश को प्रेरित करना (Provide Good Investment Opportunities)
  • मेक इन इंडिया (Make In India Mission)

आर्म्ड फोर्स कैंटीन में बिकेंगे सिर्फ स्वदेशी उत्पाद

  • अमित शाह ने ट्वीट में लिखा, “माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देश को आत्मनिर्भर बनाने और भारत में बने उत्पाद का उपयोग करने की अपील की है।
  • यह निश्चित रूप से आने वाले समय में भारत को विश्व का नेतृत्व करने का मार्ग प्रशस्त करेगी। इसी दिशा में आज गृह मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है कि सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की कैंटीन में अब सिर्फ स्वदेशी उत्पाद ही बिकेंगे।” देशभर की सभी कैंटीन पर यह आदेश 1 जून 2020 से लागू होगा।
  • इस पहल से लगभग 10 लाख सीएपीएफ कर्मियों के 50 लाख परिजन स्वदेशी सामान का उपयोग करेंगे।
  • अमित शाह ने देश की जनता से भी स्वदेशी उत्पादों के ज्यादा उपयोग की अपील की। उन्होंने लिखा, “मैं देश की जनता से भी अपील करता हूं कि आप देश में बने उत्पादों को अधिक से अधिक उपयोग में लायें। अन्य लोगों को भी स्वदेशी खरीदने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • हर भारतीय अगर स्वदेशी का उपयोग करने का संकल्प ले तो पांच साल में देश का लोकतंत्र आत्मनिर्भर बन सकता है।”

आत्मनिर्भर भारत अभियान पर आलोचना

  • आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के तहत आज के ऐलानों पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम ने गहरी नाराजगी जताई है।
  • चिदंबरम ने कहा कि केंद्र सरकार अपनी अज्ञानता और अजीब तरह के डर से मुक्त नहीं हो पा रही है।
  • प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी केंद्रीय पैकेज को महज एक छलावा करार दिया।

चिदंबरम की नाराजगी

  • पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा, केंद्र ने 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में से 3.6 लाख करोड़ रुपये का ऐलान किया, शेष 16.4 लाख करोड़ रुपये कहां हैं?
  • सरकार को और ज्यादा खर्च करना चाहिए, ज्यादा उधारी लेना चाहिए और राज्यों को भी ज्यादा उधारी लेने की अनुमति देनी चाहिए।
  • इस सरकार की ऐसी इच्छा नहीं है।
  • चिदंबरम ने बीजेपी शासित राज्यों के श्रम सुधारों की टाइमिंग पर भी सवाल उठाया।
  • उन्होंने कहा, बीजेपी शासित राज्यों ने गलत वक्त में श्रम कानूनों में सुधार किया है।
  • उनकी ओर से गलत मिसाल पेश की गई है।

ममता ने की आलोचना

  • प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी केंद्र की ओर से घोषित आर्थिक पैकेज को छलावा बताया।
  • उन्होंने कहा, केंद्र का विशेष आर्थिक पैकेज महज ‘एक बड़ा शून्य’ है, उसमें राज्यों के लिए कुछ नही है।
  • केंद्र के पैकेज में असंगठित क्षेत्र, सार्वजनिक व्यय और रोजगार सृजन के लिए कुछ नहीं है।
  • केंद्र संघीय व्यवस्था को ध्वस्त करने और आर्थिक पैकेज से लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।

Atmanirbhar Bharat Abhiyan का निष्कर्ष

  • आत्मनिर्भरता आत्मबल और आत्मविश्वास से ही संभव है, इसलिए ये जरुरी है की इस मुश्किल की घड़ी में हम सब मिलकर देश के विकास में योगदान दें।
  • आइए मिलकर अपनी पूरी संकल्प शक्ति के साथ इस महामारी का सामना करें और भारत को विकास की दिशा में अग्रसर करने के लिए योगदान दें।

NOTE- हमारी इस वेबसाइट का उद्देश्य आप तक सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओ की जानकारी पहुँचाना है। अगर आपको ये जानकारी सही लगे तो दूसरो के साथ भी साँझा कीजिये। कोई त्रुटि हो तो हमे जरूर बताए।

आत्मनिर्भर भारत अभियान से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर (FAQ)

आत्मनिर्भर भारत अभियान क्या है?

विशेष आर्थिक पैकेज से देश में श्रमिकों, किसानों, ईमानदार करदाताओं, MSME (यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग) और कुटीर उद्योगों को नयी जान दे कर आत्मनिर्भर बनाना है।

२० लाख करोड़ के पैकेज से किसको फ़ायदा मिलेगा ?

इस पैकेज से देश के श्रमिकों, किसानों, ईमानदार करदाताओं, MSME और कुटीर उद्योगों इकॉनमी को फ़ायदा मिलेगा जिससे पुरे देश कि इकॉनमी को गति मिलेगी तथा नए रोजगार व स्वरोजगार सृजन होंगे।

आत्मनिर्भर भारत बनाने के ये होंगे 5 मूल मंत्र क्या हैं?

मजबूत अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचा, प्रौद्योगिकी आधारित प्रणाली, विविधतापूर्ण आबादी और भारी मांग

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