आर्थिक पैकेज की फाइनल किस्त | लॉकडाउन 2020 आर्थिक पैकेज के 7 बड़े एलान | 7 सेक्टर का होगा कायाकल्प | मनरेगा | आत्मनिर्भर भारत अभियान | 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज | PM Modi Rs 20 Lakh Crore Relief Package | PM Modi Atmanirbhar Bharat Abhiyan Package | 5th Corona Relief Pacakge
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की पांचवीं और आखिरी किस्त (आर्थिक पैकेज की फाइनल किस्त )जारी की। वित्त मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में रिफॉर्म्स पर फोकस रहा और 7 ऐलान किए गए। ये ऐलान मनरेगा, स्वास्थ्य, शिक्षा, कारोबार, कंपनीज एक्ट, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और पीएसयू से जुड़े थे।
आर्थिक पैकेज की फाइनल किस्त – 20 लाख करोड़ के पैकेज का ब्रेकअप
सरकार द्वारा घोषित किए गए पैकेजेस के तहत खर्च का लेखा-जोखा भी दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ के पैकेज का पांचवां और आखिरी ब्रेकअप बताया।
आत्मनिर्भर भारत अभियान में 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ब्यौरा
प्रधानमंत्री की घोषणा से पहले (22 मार्च से 12 मई तक) | 1 लाख 92 हजार 800 करोड़ रुपए |
वित्त मंत्री की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस | 5 लाख 94 हजार 550 करोड़ रुपए |
दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस | 3 लाख 10 हजार करोड़ रुपए |
तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस | 1 लाख 50 हजार करोड़ रुपए |
चौथी प्रेस कॉन्फ्रेंस | 8100 करोड़ रुपए |
पांचवीं प्रेस कॉन्फ्रेंस | 40 हजार करोड़ रुपए |
आरबीआई के कदम | 8 लाख 1 हजार 603 करोड़ रुपए |
कुल | 20 लाख 97 हजार 53 करोड़ रुपए |
आर्थिक पैकेज की पहली किश्त का ब्यौरा –
आर्थिक पैकेज की दूसरी किश्त का ब्यौरा
आर्थिक पैकेज की तीसरी किश्त का ब्यौरा
आर्थिक पैकेज की चौथी और पांचवी किश्त का ब्यौरा
आर्थिक पैकेज की फाइनल किस्त के प्रमुख बिंदु –
- मनरेगा के तहत 40000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटन
- टेक्नोलॉजी ड्रिवन एजुकेशन
- हेल्थ इंफ्रा पर खर्च
- पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज के लिए नई पॉलिसी
- राज्यों को सहयोग बढ़ाने की दिशा में भी राहत उपायों की घोषणा
- ईज ऑफ डूइंग बिजनेस
- गरीबों को अनाज और नकद कैश की मदद
- कंपनीज एक्ट में बदलाव
पहली किस्त में क्या क्या घोषणाएं हुई
दूसरी किस्त में क्या क्या घोषणाएं हुई
तीसरी किस्त में क्या क्या घोषणाएं हुई
चौथी किस्त में क्या क्या घोषणाएं हुई
आर्थिक पैकेज की फाइनल किस्त के 7 सेक्टर्स में बदलाव
चलिए 1-1 करके जानते है की इन 7 सेक्टर्स में सरकार ने क्या राहत दी है-
मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपए
- आज मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपए के अतिरिक्त फंड का ऐलान किया गया।
- अब यह राशि 61,000 करोड़ रुपए की हो गई है।
- इसका उद्देश्य यह है कि गांव जा रहे प्रवासी मजदूरों को काम मिल सके।
- ग्रामीण क्षेत्रों में काम की कमी ना आए और आमदनी का साधन मिले।
- इससे 300 करोड़ व्यक्ति कार्यदिवस उत्पन्न होंगे।
- यह देश के ग्रामीण हिस्सों में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करेगा।
शिक्षा के क्षेत्र में टेक्नॉलजी (टेक्नोलॉजी ड्रिवन शिक्षा)
- टेक्नोलॉजी ड्रिवन शिक्षा कैसे हो इसके लिए कदम उठाए जा रह हैं।
- पीएम ई-विद्या प्रोग्राम जल्द इसकी शुरुआत की जाऐगी।
- राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सभी कक्षाओं के लिए ई-कॉन्टेंट, QR कोडेड पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करवाएगा।
- इस डिजिटल प्लेटफॉर्म का नाम ‘वन नेशन वन डिजिटल प्लेटफॉर्म’ है।
- सरकार पहले क्लास से लेकर 12वीं क्लास तक के लिए एक एक चैनल लॉन्च करेगी।
- स्वंय प्रभा डीटीएच के जरिए बच्चों को पहले से शिक्षा दी जा रही थी। इसमें 12 और चैनल जोड़े जाएंगे।
- लाइव सेशन के टेलिकास्ट के लिए भी इसका प्रवाधन स्काईप के जरिए किया जाएगा।
- टाटा स्काई और एयरटेल टीवी से भी समझौता किया गया था।
- राज्यों से हर दिन 4 घंटे की सामग्री मांगी गई है।
- ग्रामीण इलाकों में भी बच्चों ने इसका फायदा उठाया।
- शिक्षा को जारी रखने और सीखने को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया है।
- बच्चों को मनोवैज्ञानिक रूप से स्वस्थ्य रखने (साइकोलॉजिकल सपोर्ट) के लिए मनोदर्पण कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
- दिव्यांगों के लिए विशेष ई कंटेट लाया जाएगा।
- टॉप-100 यूनिवर्सिटी को 30 मई तक ऑनलाइन कोर्स शुरू करने की इजाजत दी गई है।
- रेडियो, पॉडकास्ट, कम्युनिटी रेडियो का इसमें सही इस्तेमाल होगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र (ग्रामीण और शहरी)
- स्वास्थ्य के क्षेत्र में नए बदलाव होने जा रहे हैं, महामारी के समय भी लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मिले ऐसी व्यवस्था की जाएगी।
- हेल्थ व वेलनेस सेंटर को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बढ़ाया जाएगा।
- संक्रामक रोगों का ब्लॉक बनेगा।
- जमीनी स्तर के स्वास्थ्य संस्थानों में निवेश किया जाएगा।
- सभी जिला स्तर के अस्पताल में संक्रामक रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
- लैब नेटवर्क को मजबूत किया जाएगा।
- पब्लिक हेल्थ लैब्स न सिर्फ जिला स्तर पर, बल्कि ब्लॉक स्तर पर भी बनाई जाएंगी।
- रिसर्च को बढ़ावा देने के कदम उठाए जाएंगे।
- नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन इसका पूरा ब्लूप्रिंट तैयार करेगी।
- कोरोना वायरस से जंग में हेल्थ संबंधी कदमों में राज्यों में 4113 करोड़ रुपये जारी किए गए।
- 3750 करोड़ रुपए जरूरी वस्तुओं पर खर्च किए गए।
- टेस्टिंग किट्स और लैब के लिए 550 करोड़ रुपए दिए गए।
- कोरोना वॉरियर्स, स्वास्थ्य कर्मियों को 50 लाख रुपए का इंश्योरेंस दिया गया।
- हेल्थ वर्कर्स को सुरक्षा देने के लिए एपिडेमिक डिसीजेज एक्ट में बदलाव किया गया।
- भारत में एक भी पीपीई कंपनी नहीं थी आज 300 से ज्यादा डॉमेस्टिक मैन्युफैक्चरर्स यूनिट है।
- आरोग्य सेतु को करोड़ों लोगों ने यूज किया।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस/ कारोबारी सुगमता
- कोरोना वायरस संकट के दौरान कंपनीज एक्ट 2013 के प्रावधानों के अनुपालन के लिए बोझ घटाया गया।
- बोर्ड मीटिंग, ईजीएएम, एजीएम आदि वर्जुअल करने की इजाजात दी गई।
- राइट्स इश्यू की ऑनलाइन किया जा सकता है।
- पीएम केयर्स के फंड को सीएसआर के लिए मान्यता दी है।
- 2016 के बाद आईबीसी के जरिए दोगुनी रिकवरी हुई है।
- 1.84 लाख करोड़ रुपए की वसूली हो चुकी है।
- जो छोटी तकनीकी व प्रक्रियात्मक चूक होती है, उसे आपराधिक प्रक्रिया से निकाल दिया जाएगा।
- कॉर्पोरेट के लिए ईज ऑफ डुइंग में सुविधा को और बढ़ाया जाएगा।
कंपनीज एक्ट में बदलाव
- एक्ट के तहत छोटी-छोटी गलतियों को आपराधिक श्रेणी में नहीं माना जाएगा।
- ऐसे 7 अपराधों को एक्ट से बाहर किया जाएगा।
- पहले केवल 18 सेक्शन को इंटरनल एडज्यूडिकेशन मेकेनिज्म (IAM) के अंतर्गर्त लिया जाता था अब उसे बढ़ाकर 58 कर दिया गया है।
- अब इन सब को कंपाउंडेबल ऑफेंसेज के रूप में नहीं देखा जाएगा।
- इसे इंटरनल एडज्यूडिकेशन मेकेनिज्म में लिया जाएगा।
- ऐसा करने से NCLT में अब कम केस जाएंगे।
- 7 कंपाउंडेबल ऑफेंस को पूरी तरह से ड्रॉप कर दिया गया है।
- 5 को वैकल्पिक ढांचे के तहत निपटाया जाएगा।
- इससे कंपनियों को विदेशी न्यायालयों में प्रतिभूतियों को सीधे सूचीबद्ध करने में मदद मिलेगी।
- एनसीडी को लिस्ट कराने वाली कंपनियों को लिस्टेड कंपनी नहीं माना जाएगा।
दिवालिया कानून(इन्सॉल्वेंसी एक्ट) में बदलाव
- इन्सॉल्वेंसी प्रोसिडिंग्स शुरू करने के लिए मिनिमम थ्रेसहोल्ड लिमिट 1 करोड़ रुपये की जा रही है।
- यह अभी 1 लाख रुपये है।
- कोड के सेक्शन 240ए के तहत एमएसएमई के लिए स्पेशल इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन फ्रेमवर्क जल्द ही नोटिफाई किया जाएगा।
- अगले एक साल तक किसी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू नहीं की जाएगी।
- एमएसएमई को इसका ज्यादा फायदा होगा।
- यह महामारी की स्थिति पर निर्भर करेगा।
- केन्द्र सरकार को कोविड19 संबंधी कर्जों को डिफॉल्ट की श्रेणी से बाहर रखने के लिए अधिकार दिए जा रहे हैं।
पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज पॉलिसी
- पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज को लेकर नई पॉलिसी बनाई जाएगी।
- स्ट्रैटजिक सेक्टर की भी लिस्ट बनाई जाएगी।
- इनके बाहर जो कंपनियां रह जाएंगी, उनका सही समय पर निजीकरण करेंगे।
- इस योजना में विलय का प्रस्ताव भी शामिल है।
- स्ट्रैटजिक सेक्टर में कम से कम एक पब्लिक एंटरप्राइजेज बना रहे, इसका ध्यान रखेंगे।
- इनकी अधिकतम संख्या 4 होगी।
- यदि चार से अधिक सार्वजनिक उक्रम हैं तो उनका विलय किया जाएगा।
- सरकार प्राइवेट कंपनियों को भी इसमें प्रवेश की अनुमति देगी।
- अन्य सेक्टर्स में पीएसई प्राइवेटाइज्ड होंगी।
- वेस्टफुल एडमिनिस्ट्रेटिव कॉस्ट को कम करने के लिए स्ट्रेटेजिक सेक्टर्स में सार्वजनकि एंटरप्राइजेज की संख्या सामान्य रूप से 1 से 4 रहेगी।
- निजी क्षेत्र धीरे-धीरे हर क्षेत्र में आ सकते हैं और प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।
- अन्य का निजीकरण/विलय/होल्डिंग कंपनियों के तहत लाया जाएगा।
राज्यों को मदद
- कोरोना वायरस महामारी की वजह से राज्य और केंद्र की आय में भारी कमी आई है।
- केंद्र सरकार ने लगातार खुले दिल के साथ राज्यों की मदद की है।
- अप्रैल में 40 हजार 38 करोड़ रुपया राज्यों को दिया गया है।
- रेवेन्यू डिफिसिट ग्रांट के तहत 12390 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
- स्टेट डिजास्टर फंड से 11092 करोड़ रुपए राज्यों को दिए गए हैं।
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने 4113 करोड़ रुपए कोरोना से लड़ने के लिए दिए हैं।
- केंद्र सरकार के अनुरोध पर आरबीआई ने तरीकों और साधन (वेज और मीन्स) अडवांस को 60% तक बढ़ा दिया।
- ओवरड्राफ्ट सीमा को 14 दिन से बढ़ाकर 21 दिन किया गया।
- तिमाही में ओवरड्राफ्ट रखने की सीमा को 31 दिन से बढ़ाकर 50 दिन किया गया है।
- राज्यों को उधार सीमा को जीएसडीपी के 3 पर्सेंट से बढ़ाकर 5 पर्सेंट कर दिया है।
- 3% से 5% तक उधार की सीमा बढ़ाने से राज्यों को अतिरिक्त 4.28 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे।
- राज्यों ने सीमा का 14% ऋण लिया है।
- लेकिन अब पहली छमाही में 75% उधार लेने की अनुमति दी है।
- 86 पर्सेंट का इस्तेमाल नहीं किया है।
- कुछ शर्तों को पूरा करने के बाद उन्हें इससे अतिरिक्त ऋण प्रोत्साहन के रूप में दिया जाएगा।
गरीबों को अनाज और नकद कैश की मदद
- 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने की व्यवस्था की गई।
- 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों के लिए भी राशन की सुविधा घोषित की गई।
- पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत खाते में कैश डाले गए।
- डीबीटी टेक्नॉलजी से पीएम किसान में योजना के तहत 8.19 करोड़ किसानों को मदद दी गई है।
- 8.19 लाख किसानों के खाते में 16,394 हजार करोड़ रुपये डाले गए।
- 2 करोड़ 81 लाख वुद्ध और दिव्यांगों को पेंशन दिया गया।
- जनधन के 20 करोड़ महिला लाभार्थियों के खाते में 10025 करोड़ रुपए पहुंचाए गए हैं।
- निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों को 3950 करोड़ रुपए की मदद दी गई।
- 2.20 करोड़ लोगों को इसका फायदा हुआ।
- सभी के खाते में पैसे गए।
- उज्जवला योजना के तहत गरीबों को 6 करोड़ 81 लाख मुफ्त गैस सिलिंडर दिए गए।
- 12 लाख से अधिक ईपीएफओ खाताधारकों ने पैसे निकाले हैं।
- मजदूरों को घर ले जाने के लिए ट्रेनें चलाई गई हैं।
- मजदूरों को ट्रेनों से ले जाने का 85 खर्च केंद्र सरकार ने वहन किया है।
- 15 फीसदी खर्च राज्य सरकारों ने किया है।
- ट्रेनों में उन्हें खाना भी उपलब्ध कराया गया।
आर्थिक पैकेज की फाइनल किस्त की मुख्य बातें –
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि गरीबों को खाना मुहैया करा रहे हैं।
- कैंप में रह रहे लोगों और गरीबों तक भी मदद पहुंच रही है।
- पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर कैश का किया गया।
- इसके तहत 8.19 करोड किसानों के खाते में 2-2 हजार रुपये दिए गए हैं।
- 20 करोड़ जनधन खातों में 10 हजार 25 करोड़ रुपए पहुंचाए।
- 16,394 करोड़ सीधे खाते में ट्रांसफर किये गए।
- उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस धारकों को 6.81 करोड़ मुफ्त सिलेंडर दिया गया।
- 2.20 करोड़ बिल्डिंग-कंस्ट्रक्शन वर्करों के खाते में सीधे रकम पहुंचाई।
- 12 लाख से ज्यादा ईपीएफओ खाताधारकों को फायदा पहुंचाया।
- चुनौतियों के बावजूद एफसीआई, नैफेड और राज्य सरकारों ने प्रवासी मजदूरों को खाने की व्यवस्था की।
- जो प्रवासी घर नहीं जा सकते थे उनके लिए व्यवस्थाएं कीं।
- खाद्यान, रसोई गैस के जरिए लोगों को तुरंत मदद पहुंचाई।
- लोगों के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए 15000 करोड़ की घोषणा की।
- 4113 करोड़ राज्यों को दे दिया गया है।
- आवश्यक वस्तुओं पर 3750 करोड़ रुपए खर्च किया गया है।
- टेस्टिंग लैब और किट के लिए 550 करोड़ रुपए पीएम मोदी ने की।
- आईटी का उपयोग करते हुए ई-संजीवनी टेली कंसलटेशन सर्विसेज की शुरुआत की।
- हेल्थ वर्कर्स पर हमला होता था उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए एपिडेमिक एक्ट में बदलाव किया। 50 लाख रुपए के बीमा की व्यवस्था की।
- भारत में एक भी पीपीई किट बनाने की कंपनी नहीं थी आज 300 से ज्यादा यूनिट है।
- करीब 11 करोड़ HCQ टैबलेट का उत्पादन किया गया।
- एचआरडी मंत्रालय स्वयं प्रभा डीटीएच चैनल की संख्या को बढ़ा रहा है।
- स्कूल एजुकेशन के लिए पहले तीन चैनल थे अब 12 और चैनल जोड़े जा रहे हैं।
- लाइव इंटरेक्टिव सेशन का टेलिकास्ट हो सके, इसकी व्यवस्था की जा रही है।
- राज्यों से भी अनुरोध किया गया है कि वह एजुकेशन का 4 घंटों का कंटेट दें जिसे स्वयं प्रभा चैनल पर दिखाया जा सकें।
- दीक्षा प्लेटफॉर्म पर 24 मार्च से अब तक 61 करोड़ हिट आए हैं।
- ई-पाठशाल पर 200 नई टेक्सट बुक जोड़ी गई है।
आर्थिक पैकेज की फाइनल किस्त से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर (FAQ)
मनरेगा के लिए क्या ऐलान किया गया है?
मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपए के अतिरिक्त फंड का ऐलान किया गया।अब यह राशि 61,000 करोड़ रुपए की हो गई है।
आर्थिक पैकेज की फाइनल किस्त में क्या क्या ऐलान हुए?
आर्थिक पैकेज की फाइनल किस्त में मनरेगा, स्वास्थ्य, शिक्षा, कारोबार, कंपनीज एक्ट, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और पीएसयू से जुड़े ऐलान किये।
पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज पॉलिसी क्या है?
स्ट्रैटजिक सेक्टर की 1 लिस्ट बनाई जाएगी, जो कंपनियां इस लिस्ट में नहीं है उनका सही समय पर निजीकरण करेंगे।
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