आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त | लॉकडाउन 2020 आर्थिक पैकेज के 11 बड़े एलान | प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना |
एसेंशियल कमॉडिटीज़ एक्ट में बदलाव | आत्मनिर्भर भारत अभियान | 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज |
PM Modi Rs 20 Lakh Crore Relief Package | PM Modi Atmanirbhar Bharat Abhiyan Package |
PM Matsya Sampada Yojana(PMMSY)
शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक संवाददाता सम्मेलन में 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की तीसरी किश्त की घोषणा की। इसमें उन्होंने कृषि और संबंधित उद्योगों पर बड़े एलान किये । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा 2020 में भारत सरकार के एक आर्थिक अध्ययन पर आधारित आंकड़ों के अनुसार, भारत की अधिकांश आबादी अभी भी कृषि पर निर्भर है। इसमें कृषि पर निर्भर लोगों में, 85% सीमांत और मध्यम आकार के किसान हैं जो कि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद किसान अपने काम में कोई कसर नहीं छोड़ते और अत्यधिक बारिश और कम वर्षा से जूझते हुए फसल उगाने की कोशिश कर रहा है।
आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त में क्या ऐलान हुए है?
वित्त मंत्री ने बुधवार को पहले चरण में लघु और मध्यम दर्जे के उद्योग और रियल एस्टेट सहित कुछ अन्य सेक्टर को दी जाने वाली राहतों के बारे में बातचीत की थी। गुरुवार को उन्होंने किसानों और प्रवासी मजदूरों को दी जाने वाली सुविधाओं-सहूलियतों के बारे में बताया था। आज शुक्रवार को आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त में उन्होंने किसानों, मछुआरों से लेकर कृषि क्षेत्र से जुड़े तमाम लोगों के लिए राहतों का ऐलान किया। आइये जानते है की आज उन्होंने ने क्या बड़े बड़े ऐलान किये है –
कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का ऐलान
- अनाज भंडारण, कोकोल्ड चेन और फसल प्रबंधन के बाद के इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
- कृषि उत्पादक संघ, कृषि स्टार्टअप आदि का भी इसका लाभ होगा।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए 20 हजार करोड़ रुपए
- पीएम मतस्य संपदा योजना के लिए 20 हजार करोड़ रुपए रखे गए हैं।
- इससे 5 साल में 70 लाख टन अतिरिक्त मछली उत्पादन होगा।
- 55 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
- इसके वैल्यू चेन में मौजूद खामियों को दूर किया जाएगा।
- 11 हजार करोड़ रुपए समुद्री मत्स्य पालन और 9 हजार करोड़ रुपए इसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए खर्च किए जाएंगे।
- एक लाख करोड़ रुपये का मछली निर्यात होगा।
- मछुआरों और नाविकों का बीमा होगा।
- सरकार समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन के एकीकृत, सतत, समावेशी विकास के लिए PMMSY का शुभारंभ करेगी।
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के माध्यम से मछुआरों के लिए 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
Govt to launch the Rs 20,000 crore Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana for development of marine and inland fisheries. 55 lakh people expected to get employment from this program: FM pic.twitter.com/wkbGVcyRCr
— ANI (@ANI) May 15, 2020
टॉप टु टोटल के लिए 500 करोड़
- ऑपरेशन ग्रीन को टमाटर, प्याज और आलू (TOP) से सभी फलों और सब्जियों (TOTAL) तक बढ़ाया जाएगा।
- पहले यह टमाटर, आलू और प्याज के लिए था लेकिन अब अन्य सभी फल और सब्जियों के लिए लागू किया जाएगा।
- जो खाद्य पदार्थ नष्ट हो जाते थे और दबाव में कम मूल्य में बेचना पड़ता है।
- इसे ‘टॉप टु टोटल’ योजना कहा जाएगा, जिसके लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
- योजना की सुविधाओं में सरप्लस से घाटे वाले बाजारों में परिवहन पर 50% सब्सिडी और भंडारण पर 50% सब्सिडी शामिल होगी, जिसमें कोल्ड स्टोरेज भी शामिल हैं।
लॉकडाउन में 74 हजार करोड़ फसल की खरीद
- एएसपी के रूप में उन्हें 74 हजार 300 करोड़़ रुपए खर्च किए गए हैं।
- पीएम किसान के जरिए उन्हें 18 हजार 700 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
- पीएम फसल बीमा योजना के तहत 6400 करोड़ रुपए का मुआवाजा दिया गया है।
- लॉकडाउन के दौरान दूध की डिमांड 20-25 पर्सेंट घट गई थी इसलिए उनका 11 करोड़ लीटर अतिरिक्त दूद की खरीद की गई है।
- कोऑपरेटिव से रोज़ाना 560 लाख लिटर दूध खरीदा गया, जबकि रोज़ाना बिक्री सिर्फ 360 लाख लिटर की हुई।
- इस पर 4100 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
नेशनल एनिमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम
- नेशनल एनिमल डिजीजी कंट्रोल प्रोग्राम के तहत मुंह पका-खुर पका बीमारी से बचाने के लिए जानवरों को वैक्सीन लगाया जाएगा।
- इस योजना के तहत 53 करोड़ पशुओं को टीका लगाया जाएगा।
- अभी तक 1.5 करोड़ गाय और भैसों को टीका लगाया गया है।
- इस पर 13,343 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
- इससे दूध उत्पादन में वृद्धि होगी और उत्पादकों की गुणवत्ता बेहतर होगी।
आवश्यक वस्तु अधिनियम (एसेंशियल कमॉडिटीज़ एक्ट) में संशोधन
- कृषि क्षेत्र में प्रतिस्पार्धा और निवेश बढ़ाने के लिए 1955 के आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव किया जाएगा।
- इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।
- किसानों को कम दाम पर उत्पाद बेचना पड़ता था।
- तिलहन, दलहन, प्याज, आलू को अनियमित किया जाएगा ताकि किसानों को लाभ मिल सके।
- आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन के बाद प्रसंस्करण करने वालों तथा मूल्य श्रृंखला के अन्य भागीदारों पर भंडारण सीमा लागू नहीं होगी।
- राष्ट्रीय आपदा, भुखमरी जैसी आपात स्थितियों में ही भंडारण सीमा रहेगी।
मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपए
- मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
- इससे 2 लाख मधुमक्खी पालकों को लाभ होगा और उपभोक्ताओं को बेहतर शहद मिलेगा।
- कृषि आधारित मधुमक्खी पालन किसानों को अतिरिक्त आय उपलब्ध कराता है।
- इसी तरह पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास फंड के लिए 15,000 करोड़ रुपये रखे गए हैं।
हर्बल खेती के लिए 4 हजार करोड़ रुपए
- हर्बल खेती के लिे 4 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
- 10 लाख हेक्टेएयर में यह खेती होगी।
- इससे किसानों को 5 हजार करोड़ रुपए की आमदनी होगी।
- इनमें से 800 हेक्टएयर की खेती गंगा के दोनों किनारों पर की जाएगी।
पशुपालन में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए 15 हजार करोड़
- पशुपालन में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए 15 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
- इससे अधिक दूध उत्पादन होगा।
- प्रोसेसिंग यूनिट आदि लगाए जाएंगे।
खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए 10 हजार करोड़ रुपए
- माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज (एमएफई) के फॉर्मलाइजेशन के लिए 10 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
- इससे देश के अलग-अलग हिस्सों के उत्पादों को ब्रैंड बनाया जाएगा।
- लगभग 2 लाख घाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को इसका लाभ मिलेगा।
- इससे जुड़े लाखों लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ंगे।
- बिहार का मखाना, जम्मू कश्मीर का केसर, नॉर्थ ईस्ट का बंबू शूट, यूपी का आम आदि के लिए क्लसटर बनाए जाएंगे।
- इसी कम यूपी के आम की इंटरनेशन ब्रांडिंग होगी।
- किसानों के लिए सुविधाजनक ऐसा कानूनी ढांचा बनाया जाएगा, जिसके तहत उसे निश्चित आमदनी हो।
- जोखिम रहित खेती हो और गुणवत्ता मानकीकरण किया जाएगा।
- इससे किसानों के जीवन में बदलाव जाएगा।
- वह बड़े खुदरा व्यापारी, निर्यातकों के साथ पारदर्शिता के साथ काम कर सकेंगे।
- किसानों का उत्पीड़न ना हो यह सुनिश्चित किया जाएगा।
किसान जहां चाहें वहां बेच सकेंगे उत्पाद
- किसानों को अपने उत्पाद की सही कीमत मिले और दूसरे राज्यों में जाकर भी उत्पाद बेच सकें उसके लिए कानूनी में बदलाव किया जाएगा। एक
- केंद्रीय कानून के तहत उन्हें किसी भी राज्य में अपना उत्पाद ले जाकर बेचने की छूट होगी।
अन्य-
- किसान क्रेडिट कार्ड के लिए दो लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।
- कृषि भंडारण में मदद के लिए सहकारी समितियों, समूहों को फंडिंग दी जाएगी।
- कृषि उद्यम की ब्रांडिंग के लिए 10,000 करोड़ का प्रावधान किया गया।
- 74,300 करोड़ की राशि का अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP के तौर पर भुगतान किया गया।
- 6,400 करोड़ का फसल बीमा भुगतान किया गया।
पहली किस्त में क्या क्या घोषणाएं हुई
दूसरी किस्त में क्या क्या घोषणाएं हुई
चौथी किस्त में क्या क्या घोषणाएं हुई
आर्थिक पैकेज की फाइनल किस्त में क्या क्या घोषणाएं हुई
आत्मनिर्भर भारत अभियान से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर (FAQ)
‘टॉप टु टोटल’ योजना क्या है?
ऑपरेशन ग्रीन को टमाटर, प्याज और आलू (TOP) से सभी फलों और सब्जियों (TOTAL) तक बढ़ाया जाएगा। इसे ‘टॉप टु टोटल’ योजना कहा गया है।
आर्थिक पैकेज तीसरी किस्त में क्या क्या ऐलान हुए?
तीसरी किस्त में उन्होंने किसानों, मछुआरों से लेकर कृषि क्षेत्र से जुड़े तमाम लोगों के लिए राहतों का ऐलान किया गया है। 7
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में क्या ऐलान है ?
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के माध्यम से मछुआरों के लिए 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
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